चिटफंड मामले को सुलझाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी एक बार फिर सक्रिय हो गई है. मंगलवार सुबह से कोलकाता के अलग-अलग हिस्सों में फिर से तलाशी शुरू हो गई है. सूत्रों के मुताबिक ईडी अधिकारी मुख्य रूप से दक्षिण कोलकाता और इसके आसपास के उपनगरों में फर्जी वित्तीय संस्थानों के कार्यालयों में तलाशी ले रहे हैं. गौरतलब है कि सात साल पहले एक चिटफंड कंपनी के मालिक और उनके बेटे को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. पुराने मामले को लेकर ही ईडी आज फिर से एक्शन में है.कोलकाता के अलावा अन्य राज्यों में भी ईडी ने छापेमारी की है. दक्षिण कोलकाता के साथ ही , गोपीनगर, बेहाला, न्यू अलीपुर, हंसपुकुर, के साथ ही कई जगहों पर तलाशी अभियान जारी है. मिली जानकारी के अनुसार ईडी ने जहां छापेमारी की है उनमें प्रयाग समूह के एक वरिष्ठ अधिकारी की न्यू अलीपुर स्थित एक आवासीय इमारत और उपनगरीय जोका स्थित एक ‘गेस्ट हाउस’ शामिल हैं. छापेमारी करने वाली ईडी की टीम के साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की एक बड़ी टुकड़ी भी मौजूद थी. प्रयाग ग्रुप का चिटफंड कारोबार पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में फैला हुआ है, जिसमें पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, असम और त्रिपुरा जैसे राज्य शामिल हैं. आरोप है कि कंपनी ने अवैध योजनाएं चलाकर जनता से 1,900 करोड़ रुपये से अधिक की रकम जुटाई थी. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2017 में ओडिशा में दर्ज एक मामले के आधार पर प्रयाग ग्रुप के सीएमडी बासुदेव बागची और उनके बेटे अविक बागची को गिरफ्तार किया था.
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