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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के बीच (एनआईए) का बड़ा एक्शन, 7 जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी,

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. दो चरणों की वोटिंग हो चुकी है. अब तीसरे चरण की यानी आखिरी राउंड की 40 सीटों पर वोटिंग होना बाकी है. पूरे राज्य में चुनावी माहौल बना हुआ है. इसी बीच जम्मू-कश्मीर में एनआईए की टीम ने सात जगहों पर छापेमारी की है. क्यों हुई छापेमारी और कब है आखिरी चरण का चुनाव. शुक्रवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू कश्मीर ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 7 जगहों पर छापेमारी की है. इसे लेकर अधिकारियों ने संदिग्धों के कई ठिकानों पर तलाशी ली, जिसकी सूचना अधिकारियों ने दी है. यह छापेमारी दरअसल जून में शिव खोरी मंदिर से लौट रहे तीर्थयात्रियों की बस पर हुए आतंकी हमले से जुड़े हुए हैं. हाइब्रिड आतंकवादियों और ओवर-ग्राउंड वर्कर्स से जुड़े ठिकानों पर एनआईए की टीम कार्रवाई कर रही है. इस मामले में छापेमारी करते हुए राजौरी और रियासी जिलों के संदिग्ध ठिकानों पर एजेंसी ने कार्रवाई की है. यह घटना 9 जून की है जब बस पर आतंकियों ने हमला करते हुए गोलीबारी की थी. आतंकवादियों द्वारा नौ जून को श्रद्धालुओं की बस पर की गई गोलीबारी में जम्मू-कश्मीर के बाहर के सात तीर्थयात्रियों सहित नौ लोगों की मौत हो गई थी और 41 अन्य घायल हो गए थे. शिव खोड़ी मंदिर से कटरा जा रही बस अंधाधुंध गोलीबारी के कारण रियासी के पौनी क्षेत्र में तेरयाथ गांव के पास सड़क से फिसलकर गहरी खाई में गिर गई थी. इस हमले में मारे गए लोगों में राजस्थान से दो बच्चों समेत नौ लोगों की मौत हो गई थी.गृह मंत्री ने इस आतंकवादी हमले की जांच का जिम्मा 17 जून को एनआईए को सौंपा था. इस मामले में अब तक राजौरी के एक व्यक्ति हाकम खान को गिरफ्तार किया गया है, जिसने आतंकवादियों को भोजन, आश्रय और रसद कथित तौर पर मुहैया कराई थी तथा हमले से पहले इलाके का जायजा लेने में उनकी मदद की थी.अधिकारियों ने बताया कि एनआईए की कई टीम शुक्रवार सुबह से ही शिव खोड़ी आतंकवादी हमले के सिलसिले में राजौरी और रियासी जिलों में छापे मार रही हैं. उन्होंने बताया कि अभियान जारी है और विस्तृत जानकारी का इंतजार है. एनआईए ने 30 जून को भी राजौरी में ‘हाइब्रिड’ आतंकवादियों और उनके ‘ओवरग्राउंड वर्कर’ से जुड़े पांच स्थानों पर छापे मारे थे. ‘हाइब्रिड’ आतंकवादियों का पता लगा पाना मुश्किल होता है क्योंकि आम लोगों के बीच रहकर सामान्य जीवन जीते हैं और उनका आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होता है जबकि ‘ओवरग्राउंड वर्कर’ उन व्यक्तियों को कहा जाता है जो आतंकवादी संगठनों के लिए गुप्त रूप से काम करते हैं. जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव अब अपने अंतिम पड़ाव पर है. तीसरे और अंतिम चरण में 40 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होनी है जिसमें 26 सीटें जम्मू और 14 सीटें कश्मीर रीजन की हैं. जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी और उसी दिन चुनाव नतीजों के नतीजे आएंगे.

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