बिहार में जाति गणना की रिपोर्ट सामने आने के बाद अब कांग्रेस ने भी यह फैसला लिया है कि वह अपने पार्टी के सरकार वाले राज्यों में जातीय गणना करवाएगी। वहीं कांग्रेस के इस फैसले को लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बड़ा हमला कर दिया है। उन्होने कहा कि जब समय तो कांग्रेस ने जातीय गणना नहीं करवाई, अगर समय पर यह काम हो जाता तो आज देश में 5 फीसदी लोगों के पास 60 फीसदी संपत्ति नहीं होती। अखिलेश यादव ने इसके लिए सीधे सीधे पुरानी सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार बताया है। बता दें कि मध्य प्रदेश में सीटों के बंटवारे को लेकर पहले से ही सपा और कांग्रेस में नाराजगी चल रही है। ऐसे में जातीय गणना पर दोनों पार्टियों के बीच मतभेद इंडी गठबंधन में दरार बढ़ा सकते हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश में एक चुनावी सभा के दौरान राहुल गांधी ने जातीय गणना को जरुरी बताते हुए कहा कि समाज के लिए यह जरुरी है कि सभी जातियों का एक्सरे किया जाए। राहुल गांधी ने अपनी सत्ता वाले कर्नाटक, हिमाचल, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी इसकी पहल की बात कही है। इसके अलावा वह देशव्यापी जाति जनगणना की मांग कर रही है। वहीं राहुल गांधी के एक्सरे को पुराने जमाने की तकनीक बताते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि आज सीटी स्कैन है, एमआरआई स्कैन है। यदि उसी समय एक्सरे हो गया होता तो इतनी बड़ी खाई नहीं होती। 5 फीसदी लोगों पर देश की 60 पर्सेंट दौलत चली गई। यह कैसे हो गया और किसने किया? यह पुरानी सरकारों की गलत नीतियों के कारण हुआ। आज एमआरआई की जरूरत है और मुझे उम्मीद है कि जब कभी समाजवादियों को मौका मिलेगा, सबसे पहले जाति जनगणना कराई जाएगी। कांग्रेस वह पार्टी है, जिसने आजादी के जाति गणना नहीं कराई। अखिलेश यादव ने इस दौरान केंद्र की मोदी सरकार पर भी हमला बोला है। दरअसल, इंडी गठबंधन में जातीय गणना पर क्रेडिट की लड़ाई शुरू हो गई है। बिहार में जातीय गणना पर जिस तरह से सारा क्रेडिट राजद और JDU ने आपस में बांट लिया है, उससे कांग्रेस और सपा में भी क्रेडिट की लड़ाई शुरू हो गई है। कांग्रेस जहां बाकी राज्यों और देश में जातीय गणना कराने का श्रेय लेना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ सपा भी इस पार्टी के लिए भुनाने की कोशिश में है।