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विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर एएमयू कुलपति ने जागरूकता मार्च का नेतृत्व किया

अलीगढ़, 10 सितंबरः रजनी रावत।अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून ने विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर जागरूकता मार्च का नेतृत्व किया, जिसमें भाग लेने वाले छात्रों ने आत्महत्या रोकथाम उपायों को प्रभावी ढंग से अपनाने और मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों से निपटने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए तख्तियां दिखाईं और नारे लगाए।

मनोविज्ञान विभाग द्वारा अध्यक्ष प्रो. शाह आलम के मार्गदर्शन में आयोजित, दिन भर की गतिविधियों में व्याख्यान, नारा लेखन और पोस्टर मेकिंग की प्रतियोगिताएं भी शामिल थीं।

प्रो. नईमा खातून ने इस कार्यक्रम की सराहना और समर्थन व्यक्त करते हुए जोर दिया कि आत्महत्या एक बहुत ही परेशान करने वाली और जटिल समस्या है जो लोगों व उनके परिवारों और बड़े पैमाने पर प्रभावित करती है। उन्होंने आत्महत्या रोकथाम के लिए हर स्तर पर मजबूत प्रणाली बनाये जाने की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रो. रफीउद्दीन, डीएसडब्लू और अन्य शिक्षक भी जागरूकता मार्च में शामिल हुए, जो कला संकाय लॉन से शुरू होकर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ब्लॉक पर समाप्त हुआ।

इससे पूर्व मनोविज्ञान विभाग में आयोजित एक कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शाह आलम ने भारत के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर विभिन्न आयु और सामाजिक समूहों के लोगों में आत्महत्या की व्यापकता को रेखांकित करते हुए एक व्याख्यान दिया। उन्होंने आत्महत्या के विभिन्न कारणों खासकर छात्रों द्वारा बहुत अधिक दबाव, पर्याप्त न कर पाने का दबाव और साथियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर शाह आलम ने दुख जताते हुए कहा कि अद्वितीय प्रतिभा और क्षमता होने के बावजूद, माता-पिता और बुजुर्ग अक्सर अपने बेटे और बेटियों से असाधारण स्तर की उपलब्धियों की उम्मीद करते हैं और अपने बच्चों की तुलना दूसरों से करते हैं। उन्होंने बताया कि आत्महत्या करने वाले 70-72 प्रतिशत लोग पहले मौखिक संकेत देते हैं, इसलिए माता-पिता और दोस्तों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बच्चों और दोस्तों पर ध्यान दें। प्रोफेसर रूमाना एन. सिद्दीकी ने छात्रों सहित युवाओं के लिए उचित परामर्श सेवाओं की आवश्यकता पर जोर दिया, जो इन दिनों बहुत अधिक दबाव का सामना कर रहे हैं। शीजा शोएब ने धन्यवाद व्यक्त किया। शफाक उस्मानी द्वारा जागरूकता गतिविधियों की मेजबानी की गई, जबकि सना और सदफ ने मेहमानों और उपस्थित लोगों का स्वागत किया। इस अवसर पर प्रोफेसर अस्मा परवीन, डॉ. नशीद इम्तियाज, डॉ. रेशमा जमाल सहित विभाग के अन्य शिक्षक उपस्थित थे।

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