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ट्रेन परिचालन की संरक्षा तथा सेक्शनल क्षमता को और बढ़ाने के लिए पू. सी. रेलवे ने आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम को किया लागू

मालीगांव, 18 सितंबर, 2024:
पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पू. सी. रेलवे) ने अपने रेल नेटवर्क के कई महत्वपूर्ण सेक्शनों में स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम (एबीएस) और इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम (आईबीएस) के कार्यान्वयन के माध्यम से एक महत्वपूर्ण क्षमता वृद्धि परियोजना लागू की है। इन विकास कार्यों से तीन प्रमुख सेक्शन लाभान्वित हो रहे हैं, जिनमें ओल्ड मालदा-न्यू जलपाईगुड़ी, न्यू जलपाईगुड़ी-गुवाहाटी और कुमेदपुर-कटिहार-मुकुरिया हैं। इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य इस क्षेत्र में रेल सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए एक अपग्रेडेशन और आधुनिकीकरण योजना के तहत परिचालन दक्षता, संरक्षा और जोन की सम ग्र क्षमता में सुधार करना है। ओल्ड मालदा – न्यू जलपाईगुड़ी सेक्शन वाया बारसोई और आलुआबाड़ी होकर 231 रूट किलोमीटर (आरकेएम) को कवर करता है। इस सेक्शन में 371 करोड़ रुपये की लागत से एबीएस प्रणाली शुरू की गई है, जिससे इस महत्वपूर्ण मार्ग की ट्रेन- हैंडलिंग क्षमता में सुधार होगा। इस सेक्शन के अधीन 66 आरकेएम हिस्से में एबीएस चालू किया गया है। इसी तरह, न्यू जलपाईगुड़ी – गुवाहाटी सेक्शन वाया न्यू कोचबिहार और रंगिया मार्ग, जो कुमेदपुर – कटिहार – मुकुरिया सेक्शन 64 आरकेएम को कवर करते हुए 407 आरकेएम क्षेत्र में फैला है, को 568 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ एबीएस कार्यान्वयन के लिए मंजूरी दी गई है। कुल मिलाकर, 702 आरकेएम रेलवे ट्रैक को एबीएस प्रणाली से लाभ होगा, जिससे इस जोन में संरक्षा और दक्षता दोनों में वृद्धि होगी।
चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए, पू. सी. रेलवे ने ओल्ड मालदा – बारसोई – आलुआबाड़ी – न्यू जलपाईगुड़ी सेक्शन पर 102 आरकेएम और न्यू जलपाईगुड़ी – न्यू कोचबिहार- रंगिया- गुवाहाटी सेक्शन पर 56 आरकेएम पर एबीएस कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है। शेष सेक्शनों के लिए निविदाएं पहले ही प्रदान की जा चुकी हैं या अंतिम रूप दिए जाने की प्रक्रिया में है, जबकि बड़ी संख्या में कार्य प्रक्रियाधीन है। पू. सी. रेलवे ने अलीपुरद्वार मंडल के अंतर्गत अलीपुरद्वार-राजा भात खावा सेक्शन और बागराकोट-सेवक सेक्शन तथा रंगिया मंडल के अंतर्गत आजरा-कामाख्या सेक्शन में 03 इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम (आईबीएस) को सफलतापूर्वक चालू किया है। इसके साथ ही जुलाई, 2024 तक पू. सी. रेलवे में कुल 07 आईबीएस स्थापित किए जा चुके हैं। रेलवे के लंबे सेक्शनों को छोटे-छोटे खंडों में विभाजित किए जाने से ट्रेन परिचालन की बढ़ोतरी में आईबीएस महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे बेहतर संरक्षा और दक्षता के साथ एक साथ अधिक ट्रेनों का परिचालन हो पाता है। यह प्रणाली विलंब में कमी, लाइन क्षमता में बढ़ोतरी और ट्रेन परिचालन की समग्र विश्वसनीयता को बढ़ाती है, जिससे यात्री और मालगाड़ियों के लिए सुगम और तेज़ परिवहन सुनिश्चित होता है। इन बुनियादी संरचना के उन्नयन से रेल नेटवर्क की सेक्शनल क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे पू. सी. रेलवे को बेहतर संरक्षा के साथ अधिक ट्रेन आवृत्तियों का प्रबंधन करने में मदद मिलेगी। एबीएस और कवच दोनों प्रणालियों के कार्यान्वयन से ट्रेनों के बीच हेडवे कम हो जाएगा, समय की पाबंदी में सुधार होगा और यात्री एवं मालगाड़ी सेवाओं दोनों के लिए अधिक विश्वसनीयता प्रदान की जाएगी। ये प्रगति न केवल पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी में सुधार करेगी, बल्कि अधिक कुशल रेल परिवहन की सुविधा प्रदान कर इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी।

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