गोरखपुर, 30 अगस्त, 2024: भारतीय रेल सिगनल इंजीनियरिंग और दूरसंचार संस्थान (इरिसेट) सिकंदराबाद ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एम.एम.एम.यू.टी.) के साथ समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर करके शैक्षणिक-उद्योग सहयोग बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एम.ओ.यू. पर इरिसेट के महानिदेशक श्री शरद कुमार श्रीवास्तव और मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री जे.पी. सैनी ने पूर्वाेत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर श्री राजेश कुमार पाण्डेय, मुख्य दूरसंचार इंजीनियर/नियोजन श्री नीलाभ महेश, वरिष्ठ प्रोफेसर (सिगनल) ‘इरिसेट‘ सिकंदराबाद श्री गौरव गोविल, उप मुख्य सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर/मुख्यालय श्री मुज़म्मिल जमाल के अतिरिक्त एम.एम.एम.यू.टी. के अन्य वरिष्ठ प्रोफेसरों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किया गया।
भारतीय रेल सिगनल इंजीनियरिंग और दूरसंचार संस्थान, सिकंदराबाद 1957 में रेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्थापित सिगनलिंग और दूरसंचार में रेलवे अधिकारियों के लिए एक प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान है। संस्थान अपने कौशल-उन्मुख संकाय विकास कार्यक्रमों, सिगनल और दूरसंचार पर औद्योगिक प्रशिक्षण और स्वदेशी स्वचालित ट्रेन संरक्षण (आई.ए.टी.पी.) प्रणाली में विशेषज्ञता जिसे कवच के नाम से जाना जाता है, में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है।
एम.ओ.यू. के माध्यम से यह साझेदारी एम.एम.एम.यू.टी. के छात्रों और संकाय को इरिसेट की उन्नत सुविधाओं और प्रशिक्षण संसाधनों तक पहुंच प्रदान करेगी जो कि रेलवे सिगनलिंग सिस्टम, विशेष रूप से कवच प्रणाली में छात्रों की समझ को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा, जिससे उन्हें परिवहन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से युक्त किया जा सकेगा।