बदायूं 8 अप्रैल इन्तजार हुसैन
तारीख 9 शव्वाल मुताबिक़ 08 अप्रैल 2025 बरोज़ मंगल हज़रत किबला शाह शुजाअत अली मियाँ रहमतुल्लाह अलैह के सालाना 69 वें उर्स के दूसरे और आख़िरी दिन की शुरुआत सुबह बाद नमाज़ फ़ज्र क़ुरआन ख्वानी से हुई।
*इसके बाद हुज़ूर साहिबे सज्जादा हज़रत अलहाज ग़ाज़ी मियाँ मद्दाज़िल्लाहुल आली की सरपरस्ती में सुबह 8 बजे एक शानदार रूहानी महफ़िल सजायी गई,* महफ़िल का आगाज़ तिलावते कलामे पाक से किया गया, जिसमें हज़रत मौलाना सूफ़ी रिफ़ाक़त सकलैनी नईमी ने अपने ख़िताब में साहिबे उर्स हज़रत शाह शुजाअत अली मियां की हयात ए मुबारक पर रौशनी डालते हुए फ़रमाया कि हज़रत शाह शुजाअत अली मियां रहमतुल्लाह अलैह वो वली ए कामिल हैं कि आप के वालिद हज़रत शाह मौलाना शराफ़त अली मियाँ हुज़ूर और आप के बेटे पीरो मुर्शिद हज़रत शाह सकलैन मियाँ हुज़ूर अलैहिर्रहमा दोनो अल्लाह के वली हैं। इसके बाद अल्लामा मुफ्ती फ़हीम सक़लैनी अज़हरी ने सिलसिला ए सक़लैनिया शराफ़तिया का तआरुफ़ कराया और सिलसिले के मशाइख ए किराम के हालत व मामूलात बयान किए, हज़रत मौलाना रुम्मान सकलैनी साहब ने अपने ख़िताब में ख़ानकाह शरीफ़ से किए जाने वाले ख़िदमते ख़ल्क़ (समाज सेवा) के कामों पर रौशनी डाली और अल्लाह वालों की बारगाह में हाज़िरी के आदाब बताए।
प्रोग्राम की बीच-बीच में मौलाना क़ारी अनवार मुरादाबादी, हाफ़िज़ आमिल ककरालवी और हसीब रौनक़ सकलैनी, अंसार झाँसवी ने नातो-मनक़बत शरीफ़ के रूहानी और शानदार कलाम पेश किए और अक़ीदतमंदों को खूब महज़ूज़ किया।
प्रोग्राम की निज़ामत जनाब मुख़्तार सकलैनी तिलहरी ने की।
वक़्त के मुताबिक़ ठीक 11:00 बजे कुल शरीफ़ की तक़रीब अदा की गई, कुल शरीफ़ की फ़ातिहा सज्जादनशीन हज़रत ग़ाज़ी मियाँ हुज़ूर ने पढ़ी इसके बाद हाफ़िज़ ग़ुलाम ग़ौस सकलैनी, हाफ़िज़ आमिल सकलैनी, मौलाना रिफ़ाक़त सकलैनी, हाफ़िज़ अनवार वगैरह ने कुल की फ़ातिहा पढ़ उर्स की आख़िरी रस्म अदा की।
*कुल के मौक़े पर सज्जादनशीन की ख़ुसूसी दुआएँ* कुल शरीफ़ के मुबारक मौक़े पर सज्जादनशीन ने तमाम ज़ायरीन अक़ीदतमंदों को अपनी दुआओं से नवाज़ा और हमारे मुल्क में अमन ओ सलामती, चैन ओ सुकून के लिए दुआएँ की और दुनियाँ में जहाँ जहाँ मुसलमान परेशान हैं, बअमनी फ़ैली हुई है अल्लाह वहाँ-वहाँ अमनों सुकून क़ायम फ़रमा और मुसलमानों में सब्र और इत्तिहाद की तौफ़ीक़ अता फ़रमा।
*कुल शरीफ़ के मुबारक मौक़े पर सज्जादनशीन का पैग़ाम* हुज़ूर फैज़ुल औलिया हज़रत शाह मोहम्मद ग़ाज़ी मियां ने आवाम को हिदायत फ़रमाते हुए कहा के इल्म हासिल करो, दीनो-शरीयत पर अहले सुन्नत के अक़ीदे और तालीमात के मुताबिक़ अपनी ज़िंदगी गुज़ारें और तमाम मुसलमान आपस में मिलजुल कर सब्र इत्तिहाद से रहें। हमारे सिलसिले के बुजुगों के एहकामों पैग़ाम पर पाबंदी से अमल करें और हम सबके पीरो मुर्शिद हुज़ूर शाह मुहम्मद सकलैन मियाँ हुज़ूर अलैहिर्रहमा की पाकीज़ा हिदायात और पैग़ामात पर अमल करें और आपकी क़ौम मिल्लत के लिए जो ख़िदमात रही हैं वो जज़्बा अपने अंदर पैदा करें और क़ौम के ज़रूरतमंद बेसहाराओं की ख़िदमत करते रहें।
*उर्स में देश-विदेश के ज़ायरीन की शिरकत* उर्स मुबारक में देश-विदेश से लाखों जायरीन ने शिरकत की साहिबे उर्स का रूहानी फ़ैज़ान हासिल किया अपनी अपनी मुरादें मांगी और साहिबे सज्जादा से नेक दुआएं लीं, कुल के बाद तमाम ज़ायरीन साहिबे सज्जादा से इजाज़त लेकर अपने अपने घरों को रवाना हुए।
उर्स पाक में पुलिस प्रशासन, मीडिया, और नगर पालिका परिषद ककराला का अहम योगदान रहा । जिसका उर्स इंतजामिया कमेटी, हजरत शाह सकलैन एकेडमी यूनिट ककराला तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।
*हज़रत शाह सक़लैन एकेडमी की उर्स में बेहतर रहीं ख़िदमात-* उर्से शुजाअती की व्यवस्थायें संभालने में हजरत शाह सकलैन एकेडमी ऑफ़ इंडिया यूनिट ककराला ने अपनी अहम ज़िम्मेदारी और ख़िदमात अदा कीं, जिनमें इंतिखाब सकलैनी (चेयरमैन), हमज़ा सकलैनी, मुंतसिब, मुनीफ सकलैनी, ग़ुलाम मुर्तुज़ा, हाफ़िज़ ग़ुलाम ग़ौस,मुस्तजाब सकलैनी, सकलैनी, हाफ़िज़ अयाज़, क़ारी मोहम्मद क़ैस, हाफ़िज़ आमिल, हाफ़िज़ सरफ़राज़, तौसीफ़ ख़ान सकलैनी,फराज सकलैनी, चाहत सकलैनी, अकबर सकलैनी,कमाल सकलैनी, असहाब सकलैनी, मुस्तफीज़ सकलैनी, मुनीर सकलैनी , इकराम सकलैनी, आदि ने अपनी अहम भूमिका अदा की।