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रीडर डॉक्टर कृष्ण चंद्र पंड्या की तीन पुस्तकों का लोकार्पण किया

मथुरा। 15 सितम्बर हीरा इन्विटेशन में स्मृति शेष साहित्यकार और किशोरी रमन महाविद्यालय के सेवानिवृत्ति रीडर डॉक्टर कृष्ण चंद्र पंड्या की तीन पुस्तकों  का लोकार्पण किया गया ।लोकार्पण में देश भर से प्रसिद्ध विद्वान पहुंचे।प्रख्यात साहित्यकार डॉक्टर वेद प्रकाश अमिताभ, डॉक्टर समर सिंह चौहान , प्रोफेसर हरिशंकर मिश्रा, डॉक्टर अनिल गहलोत, डॉक्टर नरेंद्र सिंह फौजदार और प्रोफेसर संजीव श्रीवास्तव मुख्य वक्ता रहे ।सभी प्रबुद्ध अतिथि वक्ताओं ने डॉक्टर पंड्याजी की पुस्तकों पर, उनके साहित्य पर उनके व्यक्तित्व पर विस्तार से चर्चा की ।डॉक्टर वेद प्रकाश अमिताभ ने यह बताया की पंड्या जी नैसर्गिक प्रतिभा के धनी और बड़े ही स्वाभिमानी साहित्यकार रहे। डॉक्टर बादाम सिंह रावत ने अपने आत्मीय अनुभवों को साझा किया। डॉक्टर समर सिंह चौहान ने अपनी मित्रता और आत्मीय संबंधों के साथ-साथ उनके गीत और गजलों को बड़ी ही बारीकी से समझाया। डॉक्टर अनिल गहलोत ने अपनी सेवाकाल की स्मृतियां और उनके व्यक्तित्व की विशेषताओं को बताते हुए उनके साहित्यकार रूप की भूरि -भूरि प्रशंसा की ्डॉक्टर संजीव श्रीवास्तव जी ने उन्हें याद करते हुए उन्हें गुरु के रूप में और साहित्यकार के रूप में एक आदर्श व्यक्ति बताया और कहा कि उनका साहित्य सूक्ष्म संवेदनाओं का और समय से नजरे ना चुराने वाला साहित्य है ।उन्होंने गद्य और पद्य दोनों में उत्कृष्ट साहित्य की रचना की है। डॉक्टर हरिशंकर मिश्रा ने डॉक्टर पंड्या जी के साहित्य को बड़ी बारीकी से समीक्षात्मक रूप में समझाया और कहा कि डॉक्टर पंड्या सिद्ध हस्त कवि और परकाया प्रवेश करने की क्षमता रखते थे।वह पात्रों के व्यक्तित्वों में घुल मिल जाते थे। उन्होंने कोमल संवेदनाएं भी व्यक्त की है और चंद्रशेखर आजाद खंडकाव्य में ओज पूर्ण भाव ,पूर्ण  त्वारा के साथ अभिव्यक्त किए हैं। सभी साहित्यकारों ने डॉक्टर पंड्या के व्यक्तित्व और कृतित्व का नमन करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी ।किशोरी रमन महाविद्यालय के हिन्दी विभाग के अधिकांश शिक्षक उपस्थित रहे।   पंड्या परिवार की सभी परिजन उपस्थित रहे कार्यक्रम पूर्ण गरिमा के साथ संपन्न हुआ और सभी अतिथियों को, माननीय वक्ताओं को स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।
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