ePaper

रेलवे सुरक्षा बढ़ाने और यात्रियों की शिकायतों के समाधान पर केंद्रित 5वां अखिल भारतीय जी.आर.पी. प्रमुख सम्मेलन सम्पन्न

गोरखपुर, 17 दिसम्बर, 2024ः* रेलवे सुरक्षा बल (आर.पी.एफ.) द्वारा समन्वित रेल मंत्रालय के साथ जीआरपी प्रमुखों का 5वां अखिल भारतीय सम्मेलन 17 दिसम्बर, 2024 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारियों और सुरक्षा अधिकारियों ने यात्री सुरक्षा, अपराध शमन रणनीतियों और रेलवे सुरक्षा बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण जनशक्ति आवश्यकताओं पर विचार-विमर्श किया।
सम्मेलन का प्रारम्भ अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रेलवे बोर्ड श्री सतीश कुमार के भाषण से हुआ। उन्होंने देश भर में लाखों रेल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य पुलिस बलों (जी.आर.पी.) और आरपीएफ के बीच सहयोगात्मक दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया, जिसमें यात्री शिकायतों और मामलों के पंजीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया। उन्होंने ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते, ऑपरेशन ए.ए.एच.टी. और मेरी सहेली जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से रेलवे में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आर.पी.एफ. के प्रयासों की भी सराहना की।
अपने स्वागत भाषण में महानिदेशक रेलवे सुरक्षा बल श्री मनोज यादव ने उभरती चुनौतियों, खासकर बढ़ते यात्री अपराधों से निपटने के लिए सुरक्षा ढांचे के आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया।
सम्मेलन का एक महत्वपूर्ण भाग रेल मदद पोर्टल पर पंजीकृत यात्री परिवादों और दर्ज किए जा रहे वास्तविक मामलों के तुलनात्मक विश्लेषण पर रहा, जिसमें रेलवे में होने वाले बड़े अपराधों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। नए अपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर प्रमुख रूप से ध्यान दिया गया, जिसमें जीरो एफ.आई.आर. के कुशल निस्तारण और राज्यों में तेजी से अपराध रिपोर्टिंग, सुव्यवस्थित साक्ष्य प्रबंधन और प्रभावी जांच की सुविधा के लिए ई-एफ.आई.आर. प्रणालियों के एकीकरण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया।
सम्मेलन का एक अन्य मुख्य विषय रेलवे के विभिन्न बुनियादी ढांचे और जनशक्ति से संबंधित मामलों पर चर्चा था। प्रतिभागियों ने जी.आर.पी. की जनशक्ति और बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं को निर्धारित करने के लिए एक समान मानदंड बनाने की संभावना पर विचार किया, जिसमें विभिन्न भौगोलिक स्थितियों और रेलवे संचालन की जटिलताओं को ध्यान में रखा गया। इन मानदंडों को समयबद्ध तरीके से निर्धारित करने के लिए एक समिति नामित की गई है। सत्र में भारत के व्यापक रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा मांगों को पूरा करने के लिए एक संरचित, मापनीय ढांचे की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
अपने समापन सम्बोधन में महानिदेशक, रेलवे सुरक्षा बल ने सम्मेलन की सहयोगात्मक भावना की सराहना करते हुए कहा कि इस सम्मेलन ने रेलवे सुरक्षा को मजबूत करने के हमारे सामूहिक संकल्प की पुष्टि की है। जनशक्ति की चुनौतियों का समाधान, हमारी प्रणालियों का आधुनिकीकरण करके और हमारे अपराध प्रतिक्रिया तंत्र में सुधार करके, हम लाखों यात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने की दिशा में निर्णायक कदम उठा रहे हैं। राज्य जी.आर.पी. की भूमिका और भारतीय रेलवे के साथ उनकी साझेदारी इस यात्रा में महत्वपूर्ण है और हमें मिलकर रेलवे सुरक्षा के लिए नए मानक स्थापित करने चाहिए।
सम्मेलन का समापन एक दूरदर्शी दृष्टिकोण के साथ हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने कार्यान्वयन योग्य समाधानों पर सहमति व्यक्त की, जिसमें उन्नत प्रौद्योगिकी को अपनाने, हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय और यात्रियों की सुरक्षा सर्वाेच्च प्राथमिकता के रूप में पुनः ध्यान केंद्रित करना शामिल था।
Instagram
WhatsApp