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हिमाचल कांग्रेस के 6 बागी विधायकों पर बड़ी कार्रवाई, विधानसभा की सदस्यता बर्खास्त

हिमाचल प्रदेश के छह बागी विधायकों पर बड़ा एक्शन हुआ है. विधानसभा से इन सभी छह विधायकों की विधायिकी बर्खास्त कर दी गई है. हिमाचल विधानसभा के स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी. प्रेस कॉन्फ्रेस में कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि तीस पेज का एक डिटेल ऑर्डर जारी किया गया है. मुझे एंटी डिफेक्शन लॉ के 10 शेड्यूल के तहत बतौर ट्रिब्युल के जज तौर पर यह फैसला मैंने सुनाया है. साथ में रजिस्ट्रार भी मौजूद हैं. कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि छह माननीय जो हमारे हैं, उन्होंने चुनाव कांग्रेस पार्टी से लड़ा था. एंटी डिफेक्शन लॉ की पटीशन दायर हुई है. इसी संदर्भ में याचिका संसदीय मंत्री की तरफ से आई है. सभी बागियों को सुनवाई का मौके दिए गए. विरोधी वकील को कहा कि नौ बजे तक सुनवाई चल सकती थी लेकिन छह बजे तक सुनवाई हुई और रिकॉर्ड पेश किया गया. वकील सतपाल जैन ने समय मांगा था.फैसले के बारे में पठानिया ने कहा कि फैसला पब्लिक डोमेन में हैं. पठानिया ने कहा कि व्हिप जारी किया गया था. विधायक सदन में मौजूद नहीं थे. बजट के दौरान भी नहीं मौजूद थे. सनुवाई के दौरान भी ये विधायक व्यक्तिगत तौर पर पेश नहीं हुए हैं. स्पीकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और अन्य कोर्टों के पूर्व में हुए फैसलों का अध्ययन किया गया और फैसला दिया गया है. बता दें कि सतपाल जैन बागी विधायकों की तरफ वकील थे. उधर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल ने फैसले को गैरकानूनी बताया और कहा कि जनभावना के खिलाफ है. राज्यसभा चुनाव में व्हिप जारी नहीं होता है. उस व्हिप को उसी दौरान चैलेंज किया गया है. चुनाव आयोग ने सब क्लीयर किया गया. आयोग ने साफ कहा है कि केवल वोट दिखाकर राज्यसभा चुनाव में डालना है. दो दिन तक छह कांग्रेस विधायक विधानसभा की कार्रवाई में मौजूद हैं.  स्पीकर केवल कांग्रेस पार्टी का सहयोग कर रहे हैं. सरकार में मंत्री जगत सिंह नेगी ने बिंदल के बयान पर कहा कि उनका बयान गलत है. व्हिप जारी किया गया था. निष्कासित विधायकों ने हाजिरी जरूर लगाई है लेकिन वोटिंग के दौरान मौजूद नहीं थे. स्पीकर ने सही फैसला किया है. बिंदल गुमराह कर रहे हैं. हकीकत ये हैं कि बजट सत्र में व्हिप का उल्लंघन बागियों ने किया है. हाउस के अंदर नहीं बैठे और कार्रवाई में हिस्सा नहीं लिया. हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के छह विधायक बागी हुए हैं. इनमें धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा, सुजानपुर के राजिंदर राणा, हमीरपुर के बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल, ऊना के गगरेट से चैतन्य शर्मा, ऊना के कुटलेहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो और लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर शामिल हैं. इन सभी छह कांग्रेस विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में वोट डाला था. साथ ही ये बजट पास करने के दौरान भी सत्र में नहीं पहुंचे थे, जबकि व्हिप जारी किया गया था. बागी छह कांग्रेसी विधायकों के अलावा, तीन निर्दलीय विधायक चंडीगढ़ में ललित होटल में मौजूद हैं. यहां पर  होटल में मीटिंग चल रही है. इस दौरान बागी विधायकों का कहना है कि कई चीजों पर बातचीत जारी है और स्पीकर का फैसला यह गैर-संवैधानिक है कि हमें डिसक्वालीफाई किया गया है.सूत्रों के मुताबिक, सभी डिसक्वालीफाई विधायक कोर्ट जाने की तैयारी में हैं. कहा कि दल बदलू कानून हमारे पर लागू नहीं होता है. हमें जो शो कॉज नोटिस भेजा गया था, उसका हमने जवाब दे दिया था. थोड़ी देर में अंदर बैठे विधायक मीडिया से कर बातचीत कर सकते हैं.

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