चित्तौड़गढ़/डूंगरपुर, 17 नवंबर
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को आदिवासी बहुल इलाके सागवाड़ा (डूंगरपुर) और चित्तौड़गढ़ में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म और जाति के आधार पर राजनीति हो रही है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि वे प्रदेश के कोने-कोने में घूम रहे हैं, ऐसा लग रहा है अपना सीएम ढूंढने निकले हैं।
उन्होंने गायत्री मंत्र पढ़कर कहा कि यह मंत्र मुझे मेरी दादी ने सिखाया। मैंने अपने दोनों बच्चों को सिखाया। सिखाते समय यह बताया कि गायत्री माता हमारी संस्कृति की रक्षा करती हैं। हमारी दादी कहती थीं कि इस देश की संस्कृति यही है कि सब धर्मों का आदर करना चाहिए। समय आ गया है, यह पूछने का कि आगे कैसे बढ़ना है। हिंदुस्तान में सब धार्मिक हैं। कभी लगता है कि जो धर्म की बात कर रहे हैं, उसे वोट दे देते हैं। राजनीति में अगर आपके जज्बात का इस्तेमाल हो रहा है तो आपको सावधान होना पड़ेगा। आपको सोचना पड़ेगा कि जो हमें धर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं, वो काम करेंगे या नहीं।
प्रियंका ने कहा कि सभी उद्योगों को कमजोर करके इन्होंने अपने दोस्तों को सौंप दिए हैं। आज स्थिति ये है कि युवा रोजगार के लिए भटक रहा है। ये केवल उद्योगपतियों के लिए काम कर रहे हैं। सभी पीएसयू को कमजोर कर दिया है। जहां से रोजगार मिल सकता था उन्हें कमजोर कर दिया है। कांग्रेस की सरकारें ग्रामीण रोजगार को डेवलप कर रही हैं। ग्राम स्वराज के लिए काम कर रही हैं। हम चाहते हैं कि आपको गांवों में ही रोजगार मिले। कांग्रेस ने बांसवाड़ा को संभाग बनाया। बेणेश्वर धाम में भी करोड़ों का काम कराया।
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री पर सियासी वार करते हुए कहा कि वे झूठे आराेप लगाने आते हैं। जबकि उन्हें देश में सोशल सिक्योरिटी के लिए कानून पास करना चाहिए। सीएम ने कहा कि सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह ने चार कानून पास किए थे। अब केंद्र सरकार को चाहिए कि देश में अब 5वां कानून राइट टू सोशल सिक्योरिटी बने। इसमें हर परिवार को मंथली पैसा मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री और उनके नेताओं के आरोपों पर दम नहीं है। उनकी हमारे कामों की आलचनाओं पर चर्चा करने की हिम्मत नहीं है। हमने 10 गारंटी दी है। इनमें बीमा से लेकर सामाजिक सुरक्षा योजनाएं शामिल हैं। गहलोत ने भाजपा पर वार करते हुए कहा कि ये अपने आपको धार्मिक कहते हैं, लेकिन इनमें से किस ने लंपी में गायों की सेवा की। हमारी सरकार ने पशुपालकों को 40 हजार रुपये दिए। ऐसा काम पूरे देश में किसी सरकार ने नहीं किया है।