*सख्त के.वाई.सी. मानदंडों के साथ उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा पर मुख्य फोकस बना हुआ है।*
फर्जी/फर्जी दस्तावेज से सिम लेने पर तीन साल की कैद/पचास लाख रुपये जुर्माना होगा। टेलीफोन नम्बर की स्पूफिंग पर तीन साल की कैद/पचास लाख रुपये जुर्माना होगा। सिम बॉक्स आदि के माध्यम से दूर संचार सेवा का उपयोग करने पर तीन वर्ष की कैद/पचास लाख रुपये जुर्माना होगा।
*दूर संचार विधेयक, 2023 का संक्षिप्त विवरण*
1. उपयोगकर्ता सुरक्षा पर ध्यान दें
‘‘परेशान न करें‘‘ रजिस्टर को उपयोगकर्ताओं को अनचाहे वाणिज्यिक (स्पैम) संदेशों और कॉलों से बचाने के लिए कानूनी जनादेश मिलता है। उपयोगकर्ताओं की शिकायतों के समाधान के लिए ऑनलाइन शिकायत निवारण तंत्र बनाया गया है। किसी और के पहचान प्रमाण का उपयोग करके धोखाधड़ी से सिम प्राप्त करना दंडनीय होगा।
2. राज्य सरकार के नेतृत्व वाली विवाद समाधान संरचना है। जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला न्यायाधीश रास्ते के अधिकार सम्बन्धी मुद्दों का निर्णय करेंगे। दूरसंचार नेटवर्क की स्थापना के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सामान्य नलिकाएं स्थापित करने का प्रावधान यदि सार्वजनिक संपत्ति है तो अनुमति समयबद्ध तरीके से दी जाए। यदि निजी संपत्ति है, तो मालिक और दूरसंचार नेटवर्क स्थापित करने के इच्छुक व्यक्ति के बीच आपसी समझौता होगा।
3. लाइसेंस सुधार
वर्तमान में लगभग 100 विभिन्न प्रकार के लाइसेंस हैं। लाइसेंस के अलावा पंजीकरण, अनुमति और प्राधिकरण जैसे कई निर्माण होते हैं। 03 पहलुओं के लिए प्राधिकरण के सरल निर्माण में बदलाव: दूरसंचार सेवाएं प्रदान करना, दूरसंचार नेटवर्क का संचालन और विस्तार करना और रेडियो उपकरण रखना। इससे ओ.टी.टी. को बाहर रखा गया। दस्तावेज़ीकरण वर्तमान में सैकड़ों पृष्ठों से घटकर एक छोटा और स्पष्ट शब्दों वाला दस्तावेज़ बन जाएगा।
4. स्पेक्ट्रम सुधार
1885 के अधिनियम में स्पेक्ट्रम का कोई उल्लेख नहीं है। विधेयक में स्पेक्ट्रम की परिभाषा का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए नीलामी को पसंदीदा माध्यम बनाया गया है। 03 स्पष्ट रूप से परिभाषित उद्देश्यों के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया के माध्यम से असाइनमेंट: जनहित (मेट्रो, सामुदायिक रेडियो, प्रसारण आदि), सरकारी कार्य (रक्षा, रेलवे, पुलिस आदि) तथा ऐसे मामले जहां तकनीकी या आर्थिक कारणों से नीलामी असाइनमेंट का पसंदीदा तरीका नहीं है-बैकहॉल, सैटेलाइट आदि। दीर्घकालिक योजना को सक्षम करने के लिए राष्ट्रीय आवृत्ति आवंटन योजना बनाई गई है, कानूनी रूप से मान्यता देकर स्पेक्ट्रम के इष्टतम उपयोग को सक्षम करने पर ध्यान दें, रि-फार्मिंग एवं स्पेक्ट्रम का सामंजस्य, स्पेक्ट्रम का प्राथमिक एवं द्वितीयक असाइनमेंट, अप्रयुक्त स्पेक्ट्रम को वापस लेना तथा स्पेक्ट्रम के तकनीकी रूप से तटस्थ उपयोग पर बल दिया गया है।
5. डिजिटल डिजाइन द्वारा 04-स्तरीय विवाद समाधान ढांचा
स्वैच्छिक उपक्रम: नियुक्तियों और दूरसंचार सेवा/नेटवर्क प्रदाताओं को स्वेच्छा से कमियों का खुलासा करने और अनजाने उल्लंघनों को सुधारने में सक्षम बनाया गया है। नियुक्तियों और दूरसंचार सेवा/नेटवर्क प्रदाताओं द्वारा नियमों और शर्तों के उल्लंघन से संबंधित मामलों पर निर्णय लेने के लिए निर्णायक अधिकारी और नामित अपील समिति डिजिटल कार्यालयों के रूप में कार्य करेंगे। झूठ बोलने पर टीडीसैट से अपील।
6. मानकों, साइबर सुरक्षा और दूरसंचार नेटवर्क की सुरक्षा के लिए कानूनी ढांचा
केंद्र सरकार दूरसंचार सेवाओं, नेटवर्क आदि के लिए मानक अधिसूचित कर सकती है। दूरसंचार नेटवर्क की सुरक्षा और साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय किया गया है। विश्वसनीय स्रोत व्यवस्था और युद्ध आदि की स्थिति में राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में दूरसंचार नेटवर्क पर कब्ज़ा करने सहित आवश्यक उपाय किया गया है।
7. पूर्व की भाँति अवरोधन प्रावधान
भारत के संविधान के प्रावधानों के आधार पर किया गया है। भारत के सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुरूप जवाबदेह तंत्र पहले से ही चालू है। यह व्यवस्था जारी रहेगी।
8. डिजिटल भारत निधि
यू.एस.ओ.एफ. के दायरे का विस्तार दूरसंचार सेवाओं, प्रौद्योगिकियों और उत्पादों के अनुसंधान और विकास को शामिल करने के लिए किया गया।
9. नवाचार एवं प्रौद्योगिकी विकास
लाइव और प्रतिबंधित परीक्षण वातावरण में नए उत्पादों और सेवाओं के परीक्षण की अनुमति देने के लिए नियामक सैंडबॉक्स का प्रावधान।
10. कोई व्यवधान नहीं
विधेयक से पहले दी गई छूट, लाइसेंस, अनुमति, पंजीकरण आदि जारी रहेंगे।