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शिमला और मनाली समेत 20 शहरों का न्यूनतम तापमान बढ़ा, 15 फरवरी तक मौसम साफ

शिमला, 9 फरवरी 

हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान में सुधार आने से लोगों को भीषण ठंड से राहत मिली है। बीते 24 घंटे के दौरान पूरे राज्य के न्यूनतम तापमान में 1.5 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने आगामी 15 फरवरी तक राज्य में बारिश-बर्फ़बारी की संभावना से इंकार किया है।

मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक विख्यात पर्यटन स्थलों शिमला और मनाली सहित 20 शहरों के न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी होने से शीतलहर का प्रकोप कम हुआ है। शुक्रवार को राजधानी शिमला का न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछले दिन के न्यूनतम तापमान से 4.5 डिग्री सेल्सियस अधिक है। पिछले बीती रात यहां न्यूनतम तापमान 0.9 डिग्री सेल्सियस था। इसी तरह मनाली और कुफ़री के तापमान में क्रमशः 2.4 डिग्री और 4.2 डिग्री का उछाल आया। मनाली का न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री और कुफ़री का 2.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भरमौर का न्यूनतम तापमान 4 डिग्री के उछाल के साथ 2 डिग्री, नारकंडा का 5.4 डिग्री की बढ़ोतरी के साथ 1 डिग्री, रिकांगपिओ का 3.8 डिग्री की बढ़ोतरी के साथ 3 डिग्री, नाहन का 1.9 डिग्री के उछाल के साथ 6.4 डिग्री, धर्मशाला का 2 डिग्री उछाल के साथ 5.2 डिग्री, पालमपुर का 1.5 डिग्री उछाल के साथ 2 डिग्री, धौलाकुआं और बरठीं का 1.6 डिग्री उछाल के साथ क्रमशः 5 डिग्री और 2.7 डिग्री, कांगड़ा और बिलासपुर का 0.5 डिग्री उछाल के साथ क्रमशः 3.3 और 4.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

चार शहरों का माइनस में पारा, कुकुमसेरी सबसे ठंडा

राज्य के जनजातीय इलाकों में पिछले कई दिनों से कड़ाके की सर्दी जारी है। चार शहरों का न्यूनतम पारा माइनस में बना हुआ है। लाहौल स्पीति जिला के कुकुमसेरी में सीजन की सबसे सर्द रात रही। यहां न्यूनतम तापमान -14.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। इसके अलावा समधो में -9.7, कल्पा में -1.8 डिग्री और भुंतर में – 0.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

15 फरवरी तक नहीं बरसेंगे बादल, कम होगा ठंड का कहर

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल का कहना है कि पश्चिम विक्षोभ के कमजोर पड़ जाने से राज्य में फिलहाल बारिश और बराबरी की संभावना नहीं है। उन्होंने बताया कि आगामी 15 फरवरी तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ बना रहेगा। इससे जहां न्यूनतम तापमान बढ़ेगा, वहीं दिन भी सामान्य से अधिक गर्म होंगे और लोगों को भीषण शीतलहर से निजात मिलेगी।

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