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राहुल गांधी और अखिलेश यादव की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में दिखी INDIA गुट की असली तस्वीर

आखिरकार राहुल गांधी और अखिलेश यादव एक साथ लोगों के सामने आये, लेकिन प्रेस कांफ्रेंस में, वो भी चुनाव प्रचार के आखिरी दिन. वो भी न लखनऊ न दिल्ली, बल्कि. गाजियाबाद में – क्या दोनों नेताओं को रामनवमी का इंतजार था?  ये ठीक है कि उत्तर प्रदेश में राम मंदिर को लेकर बीजेपी के पक्ष में माहौल बना है. राम नवमी के मौके पर सिर्फ यूपी ही नहीं बल्कि देश भर में लोगों को रामलला पर सूर्य तिलक का बेसब्री से इंतजार रहा – और राहुल गांधी ने अखिलेश यादव के साथ अपनी प्रेस कांफ्रेंस उससे पहले ही खत्म कर दी. राहुल गांधी और अखिलेश यादव दोनों ही नेताओं ने लोगों को राम नवमी की शुभकामनाएं दी है, लेकिन कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के जो समर्थक साथ छोड़ कर बीजेपी के पक्ष में जा चुके हैं, उनको ऐसा करके वे वापस अपनी तरफ खींच पाने में सफल हो पाएंगे, ये एक बड़ा सवाल है. राम मंदिर के उद्धाटन समारोह का राहुल गांधी और अखिलेश यादव दोनों ने बीजेपी का इवेंट बताकर बहिष्कार किया था, लेकिन सनातन के मुद्दे पर बीजेपी के हमलों के काउंटर में दोनों नेता राम नवमी के मौके पर एक साथ सामने आये हैं – महत्वपूर्ण ये है कि लोगों पर ये साथ कितना असर छोड़ पाता है.  असल में राम मंदिर के मुद्दे पर बीजेपी राहुल गांधी और अखिलेश यादव दोनों को ही कठघरे में खड़ा करने की कोशिश करती है, लेकिन कांग्रेस और समाजवादी पार्टी क.की तरफ से लोगों को ऐसे संदेश नहीं मिल पाते जो बीजेपी के प्रभाव को खत्म कर सकें. कांग्रेस पर बीजेपी जहां राम मंदिर को लेकर अदालत में रोड़े अटकाने का आरोप लगाती है, वहीं समाजवादी पार्टी का नाम लेकर मुलायम सिंह यादव की बातें याद दिलाना नहीं भूलती कि कैसे वो कारसेवकों पर गोली चलवाये थे यूपी में ये मुद्दा ऐसे ही बना हुआ है, जैसे बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब भी जंगलराज की याद दिलाना नहीं भूलते, भले ही अपनी सरकार के. काम क्यों न गिनाते रहे हों. प्रेस कांफ्रेंस संयुक्त रूप से बुलाई गई थी, लेकिन वहां राहुल गांधी और कांग्रेस का दबदबा ज्यादा दिखा, जयराम रमेश जोर देकर कह रहे थे कि अखिलेश यादव से सवाल पूछे जायें – क्या ये सवाल इसीलिए उठ रहे हैं क्योंकि दोनों देर से भी एक साथ सबके सामने आये हैं? राहुल गांधी से अमेठी और रायबरेली से चुनाव लड़ने के अलावा गाजियाबाद की प्रेस कांफ्रेंस में एक और महत्वपूर्ण सवाल पूछा गया – कांग्रेस

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