अयोध्या, 14 जनवरी
श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य एवं दिव्य मंदिर का निर्माण राष्ट्र की अस्मिता व स्वाभिमान से संबंधित है। क्योंकि हिन्दुओं को अपमानित करने के लिए ही मंदिर तोड़ा गया था। वहां जो ढांचा खड़ा था वह भी अपमान का प्रतीक था। उसे हटाकर राम मंदिर बना तो यह राष्ट्रीय स्वाभिमान की पुनर्प्रतिष्ठा का विषय है। यह बातें विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कही है। मिलिंद परांडे ने हिन्दुस्थान समाचार के संवाददाता बृजनन्दन राजू से बातचीत में कहा कि जिस देश में 80 प्रतिशत से अधिक हिन्दू रह रहे हों वहां पर राम, कृष्ण और शिव के मंदिरों को बनाने में सैकड़ों वर्ष लग जाये, इससे बड़े अपमान की बात क्या होगी। प्रस्तुत है बातचीत के संपादित अंश-
प्रश्न- क्या विहिप मथुरा व काशी के पुराने एजेंडे पर आज भी कायम है?
उत्तर- अयोध्या, मथुरा और काशी हिन्दू समाज का संकल्प था। राम का मंदिर हम वहीं बनाएंगे यह संकल्प पूर्ण हो रहा है। भव्य बनाने का संकल्प भी एक-दो वर्ष में पूर्ण हो जाएगा। हिन्दू समाज निकट भविष्य में काशी और मथुरा का संकल्प पूर्ण करेगा यह विहिप को पूर्ण विश्वास है।
प्रश्न- क्या श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में विहिप का प्रतिनिधित्व आगे भी रहेगा?
उत्तर- विहिप मंदिर संचालन में नहीं रहेगी। आज भी हम ट्रस्ट को सहयोग हर रहे हैं। यह स्वतंत्र ट्रस्ट है। राम मंदिर आंदोलन के साथ विहिप जुड़ी है इसलिए यहां जब भी सहयोग लगेगा हम तैयार रहेंगे। हम यह चाहते हैं कि मंदिर संचालन में हर जाति-बिरादरी की सहभागिता हो।
प्रश्न- इस समय देशभर में अक्षत वितरण का कार्यक्रम चल रहा है। कितने परिवारों में संपर्क की योजना है?
उत्तर- करोड़ों लोगों की सहभागिता से यह मंदिर बना है। इसलिए संपूर्ण समाज सहभागी हो रहा है। हम पौने 13 करोड़ परिवारों तक समर्पण अभियान में गये थे। इस बार लक्ष्य है कि हम 20 करोड़ परिवारों तक जा सकेंगे। 22 जनवरी को जब अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हो रहा होगा उस समय कम से कम देश के पांच लाख मंदिरों में कार्यक्रम होगा।
प्रश्न- विहिप का काम तो विश्व के अन्य देशों में भी है। वहां पर रामोत्सव को लेकर क्या तैयारी है?
उत्तर- भारत के बाहर अन्य 60 देशों में विहिप की योजना से रामोत्सव हो रहा है। जहां हमारा संगठन भी नहीं है वहां के हिन्दू आह्लादित हो रहे हैं। भारत के अंदर और वैश्विक स्तर पर इतना बड़ा कार्यक्रम पहली बार हो रहा है। देशभर में और विदेशों में भी जो कार्यक्रम हो रहा है वह मंदिर केंद्रित हो रहा है। वहां भी हजारों मंदिरों में कार्यक्रम होगा।
प्रश्न- अशोक सिंहल की स्मृति को चिरस्थाई बनाने के लिए क्या विहिप कोई और काम करेगी?
उत्तर- अशोक सिंहल के नाम से अनेक स्थानों पर कार्य प्रारम्भ हुए हैं, मगर विहिप के उद्देश्यों की पूर्ति ही उन्हें सच्ची और सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी। आज की जो विहिप खड़ी है उसमें उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। राम मंदिर बन रहा है। गोरक्षा, सामाजिक समरसता और वेदों का प्रचार हो यही उन्हें श्रद्धांजलि होगी।
प्रश्न- विपक्ष के नेता कह रहे हैं कि भाजपा को लाभ दिलाने के लिए विहिप कार्यक्रम कर ही है?
उत्तर- जब राम जन्मभूमि का आंदोलन शुरू हुआ उस समय यदि सबने सहयोग किया होता तो किसी एक दल को इसका लाभ नहीं मिलता। अभी कुछ लोगों ने विरोध किया उन्हें इसका फल मिला। कुछ लोगों ने इसमें सहयोग किया उनको भी उसका फल मिल गया। इसलिए रामजी का विरोध कर किसी का कल्याण नहीं हो सकता। यह अभी भी कुछ लोगों के ध्यान में नहीं आ रहा। कुछ लोगों ने तो कोर्ट में लिखकर दे दिया कि रामजी काल्पनिक हैं। इसके बाद भी ट्रस्ट ने समदृष्टि से विरोध और सहयोग करने वालों को निमंत्रण दिया।