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राजीव हत्याकांड में रिहा दोषी संथन की हालत गंभीर

चेन्नई के राजीव गांधी अस्पताल में ढूंढ रहा जीवन की आशा

चेन्नई (तमिलनाडु), 27 जनवरी 

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी संथन इस समय लीवर की बीमारी से जूझते हुए राजीव गांधी के नाम वाले अस्पताल में भर्ती है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हत्या मामले में रिहा किए गए सात दोषियों में से एक, संथन उर्फ सुथेंथिराजा को गंभीर हालत में चेन्नई के राजीव गांधी सरकारी जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। संथन क्रिप्टोजेनिक सिरोसिस से पीड़ित पाया गया है। संथन के इस बीमारी का कोई ऐसा खास कारण नहीं पता चल पाया है। इस समय उसे हेपेटोलॉजी (लिवर से संबंधित समस्या के लिए) आईसीयू में भर्ती कराया गया है।

इस बाबत राजीव गांधी सरकारी जनरल अस्पताल के डीन डॉ ई. थेरानिराजन ने शनिवार को मीडिया को बताया कि “यह एक गैर-अल्कोहलिक लिवर रोग है। वह सांस फूलने, पेट में तरल पदार्थ और अंगों में सूजन के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत गंभीर है।”

बता दें कि राजीव गांधी हत्या मामले में मूल रूप से संथन को मौत की सजा सुनाई गई थी। लेकिन, बाद में संथन की सजा को घटाकर आजीवन कारावास में बदल दिया गया। उसके सजा के बारे में 11 नवंबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के तहत संथन तथा पांच अन्य दोषियों, जिसमें नलिनी श्रीहरन, श्रीहरन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और रविचंद्रन, को 32 साल से अधिक समय तक कैद काटने के बाद विभिन्न जेलों से होते हुए अंत में रिहा कर दिया गया था।

दोषियों में मुरुगन, जयकुमार और रॉबर्ट पायस को तिरुचि केंद्रीय जेल में विशेष व्यवस्था में रखा गया है क्योंकि उन सभी के पास कोई पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेज नहीं हैं। जबकि श्रीहरन ने यूनाइटेड किंगडम में शरण पाने के लिए यात्रा दस्तावेजों की मांग करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। संथन ने एक समान याचिका दायर की थी, लेकिन न्यायालय ने एक अलग राहत दी। उसने अदालत से अनुरोध किया है कि उसे यात्रा कागजात प्राप्त करने में मदद की जाए और उसे श्रीलंका भेज दिया जाए, जहां वह अपनी वृद्ध मां के साथ रहना चाहता है।

हालांकि, इस मामले में शनिवार को उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि अंग प्रत्यारोपण सहित कोई भी आगे का इलाज उनकी स्थिति स्थिर होने के बाद ही उसके इस आवेदन के लिए डॉक्टरी सलाह दी जा सकती है। इसके साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ जे. संगुमणि ने कहा कि विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि उन्हें सर्वोत्तम इलाज कैसे दिया जाए।

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