• स्थापना के 43 वर्षों में पहली बार हो रहा आयोजन
रांची : रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा संकाय में आगामी रविवार 25 फरवरी 2024 को आयोजित होने वाली पूर्ववर्ती छात्र सम्मेलन “मधुस्मृति” को लेकर आज प्रेस-वार्ता को संबोधित करते हुए टीआरएल संकाय के समन्वयक डॉ हरि उराँव ने कहा कि जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग की स्थापना 1980 में हुई, स्थापना काल से लेकर आज तक जो भी छात्र छात्राएं पढ़ाई करने के पश्चात् देश व राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं. मंत्री के पद पर, विधायक के पद पर, सेना में, राज्य प्रशासनिक सेवा में, शिक्षक व कई अन्य पदों पर आसीन हैं. विभाग खुलने के 43 वर्षों के पश्चात् पहली बार पूर्ववर्ती छात्रों का जुटान होगा. यह जुटान एक एतिहासिक पल व दिन होगा जब सारे लोग एक साथ मिलेंगे और अपना अपना अनुभव आपस में साझा करेंगे. उन्होंने कहा कि आज हमारे विभाग के छात्र छात्राएँ राज्य व देश के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं जो सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं. आधुनिक युग में जहाँ आज तक सही से उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. हमें हमारे ऐसे क्षेत्रों के जुझारू व सफल छात्रों पर गर्व है कि हम उनके गुरु हैं. उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती छात्र सम्मेलन में विभाग के ऐसे ही सफल छात्रों से हमें रूबरू होने का मौका मिलेगा. डॉ उराँव ने बताया कि मधुस्मृति कार्यक्रम का उदघाटन रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अजित कुमार सिन्हा के द्वारा पूर्वाह्न 10.30 बजे किया जायेगा. इस अवसर पर अतिथियों का स्वागत, पंजीकृत पूर्ववर्ती छात्रों को सम्मानित करना, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन के साथ ही साथ पारम्परिक खान पान की भी व्यवस्था की गयी है. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अब तक लगभग चार सौ पूर्ववर्ती छात्र-छात्राओं ने पंजीयन कराया है.
प्रेस-वार्ता में टीआरएल संकाय के डॉ सविता केशरी, डॉ खालिक अहमद, डॉ उमेश नन्द तिवारी, डॉ किशोर सुरीन, कुमारी शशि, डॉ गीता कुमारी सिंह, डॉ बन्दे खलखो, मनय मुण्डा, बन्धु भगत, करम सिंह मुण्डा, डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो, डॉ रीझू नायक, डॉ दिनेश कुमार, तारकेश्वर मुण्डा, सुखराम उराँव, लक्ष्मण उराँव, युवराज साहु, श्रीकांत गोप, बबलू कुमार, संदीप कुमार महतो, माणिक कुमार, चाणक्य कुमार, श्याम कुमार यादव, शीला कुमारी, प्रियंका उराँव, सरिता कुमारी के अलावा आयोजन समिति के अन्य सदस्य मौजूद थे.