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मणिपुर में बहाल होगी शांति! आज गृह मंत्रालय में आमने-सामने बैठेंगे मैतेई और कुकी

मणिपुर में जातीय हिंसा को खत्म करने के लिए सरकार की तरफ से हाल के दिनों के कई कदम उठाए गए हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण कदम राष्ट्रपति शासन को माना जा रहा है. गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में दावा किया कि पिछले 4 महीनों से मणिपुर में शांति का माहौल है. इसी शांति को पूरे तरीके से बहाल करने के लिए आज को गृह मंत्रालय में मैतेई और कुकी समुदाय के साथ ही अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है. मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद मैतेई और कुकी दोनों कम्युनिटी के बीच 13 बार बातचीत की गई है. सरकार हिंसा को समाप्त करने का रास्ता खोजने के लिए काम कर रही है. यही कारण है कि यह बड़ी बैठक होने जा रही है. गृह मंत्रालय की तरफ से आयोजित बैठक में मैतेई समाज, कुकी समाज के नुमाइंदे और गृह मंत्रालय के आला अधिकारी (खासकर खुफिया विभाग के अधिकारी) शामिल होंगे, जिसमें कई मुद्दों पर बातचीत की जाएगी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे दोनों सदन से मंजूरी मिल गई. लोकसभा में शाह ने कहा- दिसंबर से मार्च तक बीते चार महीनों से मणिपुर में कोई हिंसा नहीं हुई है. राहत कैंपों में खाने-पीने, दवाइयों और मेडिकल सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं. मणिपुर में 3 मई, 2023 को मैतेई को एसटी का दर्जा दिए जाने के खिलाफ ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर की तरफ से विरोध प्रदर्शन के बाद मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय संघर्ष शुरू हो गया. चुराचांदपुर और बिष्णुपुर जिलों के पास हिंसा बढ़ गई. कुकी समुदाय ने इस मांग का विरोध किया, उन्हें डर था कि इससे उनके मौजूदा आदिवासी अधिकारों और भूमि स्वामित्व पर असर पड़ेगा. इसके बाद शुरू हुई हिंसा में कई लोगों की मौत हुई.

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