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पौधों के लिए खोदे गड्ढे: निकले तांबे के 65 सिक्के, संविलियन विद्यालय में निकले सिक्कों की हर ओर चर्चा

हाथरस से (आरिफ खान) की रिपोर्ट  विद्यालय के मैदान में पौधे लगाने के लिए गड्ढे खोदे जा रहे थे, तब यह सिक्के मिले हैं। इन सिक्कों की संख्या 65 है।सादाबाद के गांव कजरौठी स्थित संविलियन विद्यालय में मुगल कालीन तांबे के सिक्के मिले हैं। इसे लेकर क्षेत्र में चर्चा है। 18 जुलाई को खंड शिक्षा अधिकारी सादाबाद आलोक प्रताप श्रीवास्तव विद्यालय पहुंच गए। उन्होंने इन सिक्कों के बारे में जानकारी प्राप्त की। विद्यार्थियों ने बताया कि विद्यालय के मैदान में पौधे लगाने के लिए गड्ढे खोदे जा रहे थे, तब यह सिक्के मिले हैं। इन सिक्कों की संख्या 65 है। बीईओ ने इसकी सूचना एसडीएम सादाबाद को भी दी हैग्रामीणों का कहना है कि यहां पहले काफी ऊंचा टीला था। इसके साथ एक पुरानी इमारत थी। वह इमारत किसने बनवाई, इसके बारे में ग्रामीण कुछ नहीं बता सके। कुछ समय तक इस इमारत में एक चिकित्सालय चलता रहा। इसके बाद यह इमारत खंडहर में तब्दील हो गई। ग्रामीण इसे खेरा के नाम से पुकारते थे। ऊंचे टीले को समतल कराकर यहां प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय का निर्माण करवा दिया गया। इसके बाद इन विद्यालयों को संविलियन विद्यालय में परिवर्तित कर दिया गया। समय के साथ विद्यालय में अन्य भवनों का निर्माण भी हो गया। टीले को समतल करते समय भी कुछ सिक्के मिले थे। वर्तमान में वह सिक्के किसके पास हैं, यह जरूरी हो जाता है। जिन बच्चों को पौधों के लिए गड्ढे खोदने के दौरान यह सिक्के मिले, उन बच्चों ने यह सिक्के वापस कर दिए। यह सिक्के मुगलकालीन बताए जा रहे हैं। इनको उस समय में जीतल कहा जाता था। उस समय में मोहर सोने की होती थी। रुपया चांदी का और सिक्का तांबे का होता था। औरंगजेब ने सिक्के पर चित्र हटवाकर उर्दू और फारसी में कुछ लिखवाकर सिक्का चलाया था। आलोक प्रताप श्रीवास्तव, खंड शिक्षा अधिकारी सादाबाद ने बताया कि एसडीएम के निर्देश पर संविलियन विद्यालय कजरौठी में बच्चों को 65 तांबे के सिक्के मिले हैं। इन सिक्कों को प्रशासन के सुपुर्द किया जाएगा। महाराज सिंह, ग्राम प्रधान कजरौठी ने बताया कि बच्चों को पौधे लगाते समय कुछ तांबे के सिक्के मिलने की जानकारी मिली थी। बीईओ के सामने उनकी गिनती हुई है। इससे अधिक मुझे कोई जानकारी नहीं है।
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