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पूर्वोत्तर रेलवे कीे महाप्रबन्धक सुश्री सौम्या माथुर ने भारत रत्न‘‘ बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती समारोह का आयोजन किया

गोरखपुर, 15 अप्रैल, 2024: पूर्वोत्तर रेलवे कीे महाप्रबन्धक सुश्री सौम्या माथुर की अध्यक्षता में 15 अप्रैल,2024 को रेलवे प्रेक्षागृह,गोरखपुर में ‘‘भारत रत्न‘‘ बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती  समारोह का आयोजन किया गया। महाप्रबन्धक सुश्री सौम्या माथुर ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया । इस अवसर पर सुश्री माथुर, अपर महाप्रबन्धक श्री डी.के.सिंह, प्रमुख विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया। कार्यक्रम के आरम्भ में पूर्वोत्तर रेलवे कला समिति के कलाकारों ने भजन प्रस्तुत किया।
समारोह में प्रमुख मुख्य विभागाध्यक्ष, महामंत्री एन.ई.रेलवे मजदूर यूनियन, अध्यक्ष एवं महामंत्री, अनुसूचित जाति एवं जनजाति एसोसियेशन तथा वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य रेलकर्मी उपस्थित थे । अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में महाप्रबन्धक, सुश्री सौम्या माथुर ने कहा कि बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर का जन्म इन्दौर के पास महु छावनी के एक अत्यन्त सामान्य परिवार में हुआ था । बाबा साहब आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए जीवन-पर्यन्त संघर्षरत रहे। उनका मानना था कि जब तक समाज में सभी वर्गों के लोगों एवं महिलाओं की समुचित उन्नति नहीं होती है, तब तक देश में सभी मायने में विकास किया जाना सम्भव नही है। इन वर्गों के उत्थान के लिए जो कुछ भी बाबा साहब ने अपने जीवन काल में किया वे आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि डा0 अम्बेडकर ने सर्वाधिक जोर शिक्षा पर दिया लेकिन शिक्षित समाज से उनका तात्पर्य मात्र डिग्रियाँ प्राप्त करना नही, अपितु एक समझदार, जागरूक, संघर्षशील और विचारशील समाज के निर्माण से था जो राष्ट्र की प्रगति में अधिकाधिक योगदान दे सके। सर्वमान्य विद्वता के कारण ही इन्हें भारत के संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष का महत्वपूर्ण दायित्व प्रदान किया गया तथा इन्होंने संविधान की रचना में अहम् भूमिका निभाई।
महाप्रबन्धक ने कहा कि डा0 अम्बेडकर का जीवन सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक आदि विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को न्याय तथा मानवीय गरिमा का अधिकार दिलाने के लिये समर्पित रहा। कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए बाबा साहब की पारदर्शी प्रतिबद्धता और पूर्ण निष्ठा अपनाकर तथा सेवा व सद्भाव की भावना के साथ एक न्यायपूर्ण समाज की स्थापना के लिए प्रतिबद्धता से काम करना चाहिये । यही बाबा साहब के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।  प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी श्री अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय संविधान के प्रमुख शिल्पी भारत रत्न बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर सामाजिक क्रान्ति के मसीहा थे और अछूतों का उद्वार करना उनके जीवन का लक्ष्य था। उनका पूरा जीवन सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़ो के उत्थान में गुजरा । बाबा साहब का कहना था कि जब तक इन वर्गों की उन्नति नही होगी तब तक देश व समाज का विकास नहीं हो सकता ।  मुख्य कार्मिक अधिकारी/प्रशासन श्री अवधेश कुमार ने स्वागत सम्बोधन करते हुये कहा कि इस बात से वे अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि आज हम ऐसी महान विभूति को श्रद्धा-सुमन समर्पित करने के लिये उपस्थित हैं जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन देश एवं देशवासियों के सर्वांगीण विकास के निमित्त समर्पित कर दिया था, जिन्हें देशवासी संविधान-निर्माता के रूप में सदियों तक याद करते रहेंगे । अनूसूचित जाति एवं जनजाति एसोसियेशन के अध्यक्ष श्री बच्चू लाल एवं महामंत्री श्री रामप्रकाश ने बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर के संघर्ष, देश एवं समाज के लिये उनके द्वारा किये गये कार्यों तथा उनके जीवन पर विस्तृत प्रकाश डाला । समारोह में वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी/मुख्यालय श्री गोपाल प्रसाद गुप्ता ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती रचना श्रीवास्तव ने किया ।
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