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दिल्ली में गहराते जा रहे जल संकट को लेकर आतिशी ने उपराज्यपाल से की मुलाकात

दिल्ली में गहराते जा रहे जल संकट पर दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी दिल्ली को अभी तक अतिरिक्त पानी नहीं मिल सका है. आतिशी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश से अब तक पानी दिल्ली नहीं आया है. सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे से पता चला है कि हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में विवाद चल रहा है. हरियाणा से मुनक नहर के ज़रिए मिलने वाले पानी में भी हरियाणा ने 140 क्यूसेक तक कटौती की है. आतिशी ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वी.के. सक्सेना से निवेदन किया है कि वह हरियाणा से बात करें. पानी किल्लत के मुद्दे पर उप राज्यपाल से लगभग 1 घंटे बैठक करने के बाद मीडिया से बात करते हुए आतिशी ने कहा कि क्योंकि LG साहब केंद्र सरकार के प्रतिनिधि हैं. इसलिए हमने LG साहब से निवेदन किया है कि हरियाणा से बात करे क्योंकि मुनक कैनाल में पानी कम आ रहा है. हर साल में जून के महीने में जब मुनक कैनाल से 1050 क्यूसेक पानी हरियाणा से छोड़ा जाता है तो 990 क्यूसेक से ज्यादा पानी दिल्ली के एंट्री पॉइंट पर पहुंचता है. लेकिन पिछले एक हफ्ते में इसका स्तर बहुत गिर गया और 7 जून को यह 840 क्यूसेक के स्तर पर आ गया था. मुनक कैनाल से जो पानी दिल्ली आता है इस पर दिल्ली के साथ वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट निर्भर हैं. वजीराबाद वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का भी 30 MGD साफ पानी का प्रोडक्शन घटा है, जिसे दिल्ली वालों पर बहुत गंभीर असर पड़ रहा है. उपराज्यपाल साहब ने आश्वासन दिया है कि वह हरियाणा से बात करेंगे. हिमाचल प्रदेश से जो 137 क्यूसेक पानी हरियाणा के ज़रिए आना था वो अभी तक नहीं आया है. उसके बारे में सुप्रीम कोर्ट के एफिडेविट से हमें पता चला है कि अभी इस बारे में हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के बीच में विवाद चल रहा है कि कितना पानी हिमाचल प्रदेश से आ रहा है और कितना पानी हरियाणा आगे छोड़े.

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