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दिल्ली में एनडीए नेताओं की बड़ी बैठक आज, नड्डा के घर पर जुटेंगे सभी राजनेता,

भारतीय जनता पार्टी बुधवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित करने जा रही है। यह बैठक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी समारोह के संदर्भ में हो रही है। लेकिन राजनीतिक जानकारों की मानें तो बैठक का उद्देश्य एनडीए गठबंधन के सहयोगियों को खुश रखने और उनके समर्थन को मजबूत करने के प्रयास भी हो सकता है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जे.पी नड्डा के आवास पर बैठक होगी।दरअसल, 2024 के लोकसभा चुनाव के परिणामों को देखते हुए बीजेपी के लिए अपने गठबंधन सहयोगियों का समर्थन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि लोकसभा में पार्टी के पास अकेले बहुमत नहीं है। इस कारण एनडीए के सहयोगियों के समर्थन को सुनिश्चित करना बीजेपी के लिए प्राथमिकता बन गया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि चूंकि एनडीए के पास औपचारिक समन्वय समिति नहीं है। यह बैठक राजनीतिक मुद्दों पर सहयोगियों को एकजुट करने का अवसर होगी। बैठक ऐसे समय में हो रही है जब गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहेब अंबेडकर से जुड़े बयान को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच तनाव बढ़ गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में भाजपा अपने सहयोगियों से अनुरोध करेगी कि वे विपक्ष के खिलाफ एकजुट हों। बताया जा रहा है कि बैठक के बाद एनडीए नेता कांग्रेस के खिलाफ एक संयुक्त बयान जारी कर सकते हैं। जिसमें कांग्रेस पर अमित शाह के खिलाफ झूठा अभियान चलाने का आरोप लगाया जाएगा। साथ ही यह भी बताया जाएगा कि कांग्रेस ने बार-बार बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान किया है। बीजेपी का मानना है कि विपक्ष का “संविधान खतरे में है” अभियान पिछली बार उनके लिए नुकसानदेह साबित हुआ था, खासकर दलित समुदाय में इसलिए पार्टी इस बार विपक्ष के बयान से कोई नुकसान नहीं उठाना चाहती है। पार्टी ने इस बार इस मुद्दे को गंभीरता से लेने का निर्णय लिया है और एनडीए को एकजुट होकर विपक्षी रणनीतियों का सामना करने की योजना बनाई है। गौरतलब हो कि भाजपा ने कांग्रेस पर हमले तेज कर दिए हैं, ताकि विपक्ष के आरोपों को गलत साबित किया जा सके और सहयोगियों का समर्थन हासिल किया जा सके। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सवाल उठाया है कि टीडीपी और जेडीयू जैसे दल इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं। उन्होंने पूछा, “अगर ये पार्टियां सामाजिक न्याय की बात करती हैं, तो अंबेडकर के अपमान पर चुप्पी क्यों?” अंबेडकर मुद्दे को लेकर देशभर में सियासत गरमाई हुई है।

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