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तमिलनाडु में करुणानिधि के नाम पर स्टेडियम, कांस्य प्रतिमा भी बनी; CM स्टालिन ने किया उद्घाटन

तमिलनाडु में पूर्व सीएम करुणानिधि के नाम पर स्टेडियम का नामकरण किया गया है। उनके बेटे और प्रदेश के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इसे ऐतिहासिक मौका करार दिया। सीएम एमके स्टालिन ने कहा कि जल्लीकट्टू एरिना की शुरुआत से तमिलनाडु के पारंपरिक खेलों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि मदुरै में डीएमके की सरकार ने जल्लीकट्टू एरिना का निर्माण कराया है। उन्होंने कहा कि करुणानिधि जन्मशताब्दी के मौके पर जल्लीकट्टू एरिना की शुरुआत होना इसे और खास बनाता है। सीएम स्टालिन ने कहा, उन्हें इस बात पर काफी गर्व है कि वे इतिहास में जल्लीकट्टू स्टेडियम का निर्माण कराने वाले मुख्यमंत्री के रूप में जाने जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्टेडियम के उद्घाटन के मौके पर पूर्व सीएम की कांस्य प्रतिमा का भी अनावरण किया गया है। बता दें कि स्टालिन ने मदुरै जिले में अलंगनल्लूर के पास कीलाकराई में नवनिर्मित कलैगनार शताब्दी जल्लीकट्टू अखाड़े का उद्घाटन किया। नवनिर्मित कलैगनार शताब्दी जल्लीकट्टू अखाड़े में जल्लीकट्टू खेल का आयोजन भी किया गया। स्टेडियम का उद्घाटन करने के बाद स्टालिन ने जल्लीकट्टू की प्रतियोगिता को हरी झंडी भी दिखाई। बता दें कि जल्लीकट्टू तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों में खेला जाने वाला पारंपरिक खेल है, जिसमें बैलों की इंसानों से लड़ाई होती है। जल्लीकट्टू से जुड़ा एक रोचक तथ्य यह भी है कि मानवाधिकार और पशु अधिकार कार्यकर्ताओं की दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। जल्लीकट्टू एक सदियों पुराना कार्यक्रम है, जो तमिलनाडु में पोंगल के अवसर पर आयोजित किया जाता है। प्रतिभागी को टैमर कहा जाता है। उसे बैल के कूबड़ पर लटकना होता है। समय की गणना के आधार पर विजेता चुना जाता है। जल्लीकट्टू को तमिलनाडु के गौरव और संस्कृति का प्रतीक भी माना जाता है। तमिलनाडु में मट्टू पोंगल के हिस्से के रूप में प्रचलित इस चार दिवसीय उत्सव में मवेशियों की अहम भूमिका होती है। तमिल शब्द ‘मट्टू’ का अर्थ बैल होता है। पोंगल का तीसरा दिन मवेशियों को समर्पित होता है, जो खेती में एक प्रमुख भागीदार हैं।

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