रांची : दूरदर्शन के क्विज़ प्रतियोगिता “खुद को जाने, खुद को परखें” के तहत “भारत के स्वतंत्रता संग्राम में झारखंड की भूमिका” विषय पर केन्द्रित इस प्रतियोगिता में टीआरएल संकाय के नागपुरी विभाग के शानदार प्रदर्शन के बल पर शीर्ष स्थान पर रहने वाले सफल छात्राओं प्रीति मुण्डा और स्वेता कुमारी को सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह की अध्यक्षता टीआरएल संकाय के समन्वयक डॉ हरि उराँव ने की। संचालन प्राध्यापक डॉ रीझू नायक व धन्यवाद प्राध्यापक डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो ने किया। गौरतलब हो कि ये छात्र डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के एमएससी-आईटी, एमए राजनीति शास्त्र और आरडीकेएफ विश्वविद्यालय के एमबीए के छात्रों को पछाड़ कर 110 अंक अर्जित कर अव्वल रहें वहीं आईटी और एमबीए के छात्रों ने क्रमशः 65 और 10 अंक ही अर्जित कर सकें। संकाय के शिक्षकों ने सफल छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।डॉ हरि उराँव ने कहा कि टीआरएल संकाय के छात्रों ने जो सफलता हासिल की है उसका श्रेय हमारे संकाय के कर्मठ शिक्षकों एवं अभिभावकों को जाता है, जिन्होंने छात्रों को उचित मार्गदर्शन देकर प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि टीआरएल संकाय के छात्राओं ने यह साबित कर दिया कि हम किसी भी क्षेत्र में किसी से कम नहीं। छात्राओं ने टीआरएल संकाय के साथ साथ पूरे रांची विश्वविद्यालय को गौरवान्वित किया है। बेटियां किसी बेटे से कम नहीं। वे लगातार अपनी प्रतिभाओं का लोहा मनवा रही हैं।
नागपुरी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ सविता केशरी ने सफल छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि परिणाम की बगैर चिंता किए नियमित एवं योजनाबद्ध तरीके से अभ्यास करते रहना चाहिए। योजना बनाकर लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में किया गया हर प्रयास हमेशा सफल होता है।डॉ उमेश नन्द तिवारी ने कहा कि प्रोत्साहन से बच्चों में ऊर्जा का संचार होता है। यही ऊर्जा बच्चों को सफलता की ओर अग्रसर करता है। ऐसे प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए इस तरह का आयोजन जरूरी है।मारवाड़ी कालेज के टीआरएल के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ महेश्वर सारंगी ने सफल छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मेहनत कभी बेकार नहीं जाता। जरूरत है इसे बनाए रखने की।मौके पर एस एस मेमोरियल कालेज के डॉ संजय सारंगी, डॉ बन्दे खलखो, शकुन्तला बेसरा, रवि कुमार, नेहा भगत, प्रवीण कुमार सिंह, सुखराम उराँव, श्रीकांत गोप, युवराज साहु, नमिता पूनम, सीमा कुमारी, जगदीश उरांव, प्रियंका उराँव सहित संकाय के शिक्षकगण, शोधार्थी एवं छात्राएँ उपस्थित थे।