रांची, 18 दिसंबर
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सोमवार को कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। सदन के बाहर जहां विपक्ष की तरफ से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी के समन पर हाजिर न होने की बात को लेकर हंगामा हुआ, वहीं सदन के अंदर भी धीरज साहू और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन पर सत्ता और विपक्ष बहस करते दिखे। सबसे पहले प्रदीप यादव के होमगार्ड की बहाली के सवाल के साथ जातिगत जनगणना के सवाल का नेता प्रतिपक्ष ने विरोध किया।
नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि जैसे ईडी के समन और धीरज साहू के बातों को सदन से कोई लेना-देना नहीं है वैसे ही जातिगत जनगणना की बातों का भी सदन से लेनादेना नहीं होना चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि सत्ता पक्ष के विधायकों की तरफ से राजनीतिक एजेंडा को सदन में लाया जाता है। साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री ईडी के समन पर हाजिर नहीं हो रहे हैं। वो केंद्रीय एजेंसी के समन की अवहेलना कर रहे हैं।
अमर बाउरी की बातों का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि धीरज साहू के यहां जो राशि मिली है, उसका जवाब आईटी देगा, न कि कांग्रेस पार्टी। उन्होंने कहा कि धीरज साहू का काफी लंबा-चौड़ा पारिवारिक व्यापार है। धीरज साहू कांग्रेस से सांसद जरूर हैं लेकिन उनके यहां मिली राशि पर कांग्रेस को जवाब देने की जरूरत नहीं। साथ ही ईडी के समन पर आलमगीर ने कहा कि ईडी को मुख्यमंत्री की तरफ से जवाब दिया जा रहा है। यह एक कानूनी प्रक्रिया है।