दारोगा-इंस्पेक्टर भी अब कर सकेंगे एससी-एसटी मामलों का अनुसंधान
रांची, 22 नवंबर
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में 32 प्रस्तावों को स्वीकृति मिली। सबसे अहम प्रस्ताव यह रहा कि झारखंड में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत दर्ज केस का अनुसंधान अब इंस्पेक्टर व दारोगा भी कर सकेंगे। इससे पहले सिर्फ डीएसपी स्तर के अधिकारी को अनुसंधान करने का अधिकार था।
कैबिनेट के अन्य फैसले
-झारखंड वीमेंस एशियन चैंपियंस ट्रॉफी और विभिन्न त्योहारों में विधि व्यवस्था के लिए खरीदे गये 12 वाहनों के लिए झारखंड आकस्मिकता निधि से 2.26 करोड़ की घटनोतर स्वीकृति।
-1984 सिख विरोधी दंगा में बोकारो के 24 दंगा पीड़ितों आश्रितों को 1.20 करोड़ रुपये भुगतान किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी। यह राशि सिख विरोधी दंगा आयोग (रांची) के अध्यक्ष डीपी सिंह की अनुशंसा पर आकस्मिकता निधि से दी जाएगी।
-पलामू के हरिहरगंज पीएचसी की चिकित्सक डॉ लवलीन पांडेय को बर्खास्त करने की मंजूरी।
-परगनैत को अब हर महीने तीन हजार रुपये की सम्मान राशि मिलेगी, पहले एक हजार मिलने का था प्रावधान। झारखंड में कुल 194 परगनैत हैं।
-असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पीएचडी अब मेंडेटरी नहीं।
-पथ प्रमंडल खूंटी अंतर्गत हटिया लोदमा कर्रा पर चौड़ीकरण, मजबूतीकरण और नवनीकरण के लिए 109.37 करोड़ की स्वीकृति।
-गुमला जिला के चैनपुर जारी पथ 10.1 किलोमीटर के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण के लिए 29.60 करोड़ की स्वीकृति।
-इसके अलावा झारखंड में भू-गर्भ जल नीति बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
-स्वर्गीय रविशंकर उपाध्याय के चिकित्सा में हुई खर्च को घटनोतर स्वीकृति।