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गांधी शिल्प बाजार में पसंद की जा रही है डोकरा और सिल्क आर्ट के उत्पाद

रांची: गांधी शिल्प मेला, डीएवी कपिल देव मैदान में दस दिवसीय शिल्प मेले में जयपुरी जूती, चूड़ियाँ तथा शिल्प आर्ट और डोकरा आर्ट की वस्तुओं को बहुत ही पसंद किया जा रहा है। यहाँ मेले में सम्पूर्ण भारतवर्ष के हस्तशिल्प, हैण्डी क्राफ्ट तथा विशेषकर झारखण्ड के उत्पादों का विशाल संग्रह उपलब्ध है। मेले में जूट के सामान, राजस्थानी जूती, साउथ इण्डियन डिजाईनर साड़ियाँ, शांति निकेतन के बैग, जयपुरी चूड़ियाँ, असम के पारम्परिक परिधान महिलाओं के लिए तसर शिल्क की साड़ियों और सलवार कुर्ती आदि मिल रहे हैं। असम के उत्पादों को भी काफी ख्याति प्राप्त हो रही है। इस मेले में सम्पूर्ण भारत के 100 स्टॉल उपलब्ध है जो 10 मार्च 2024 तक रहेंगे। मेले को राँची स्थित छोटानागपुर क्राफ्ट डेवल्पमेंट सोसाईटी ने आयोजित किया है। सोसाईटी के अध्यक्ष बी० चौधरी ने बताया कि इस मेले में झारखण्ड की कला-संस्कृति और पर्यटन को अभूतपूर्व प्रोत्साहन प्राप्त होगा और हस्तकला तथा हैण्डीक्राफ्ट को बढ़ावा तो मिलेगा ही साथ ही पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। केन्द्र सरकार के सहायक निदेशक (हस्तशिल्प) ने इसे झारखण्ड की एक बड़ी उपलब्धी बतायी और कहा कि इससे हस्तशिल्प और हैण्डीक्राफ्ट को बढ़ावा मिलेगा साथ ही रोजगार का सृजन होगा और गरीब तबके और मध्यम वर्ग को रोजगार प्राप्त होंगे। सहायक निदेशक ने कहा इस प्रकार के रोजगार के प्रोत्साहन के लिए केन्द्र और राज्य सरकार वचनवद्ध है। माउंट डिवाइन ग्रुप द्वारा मेले को फलीभूत करने हेतु संगीत का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। मेला परिसर में लोगों के मनोरंजन के लिए प्रत्येक दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। फर्जाद एवं ग्रुप द्वारा प्रस्तुत गीतों को दर्शकों व स्रोताओं ने काफी पसंद किया।

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