जयपुर, 31 जनवरी
शहर में चल रहे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में बनने वाली स्लज से किसानों की जमीन उपजाऊ हो रही है। स्लज के उपयोग से किसानों को उनके खेतों से ज्यादा उपज मिल रही है। शहर में विभिन्न स्थानों पर बने एसटीपी का संचालन जयपुर विकास प्राधिकरण और नगर निगम द्वारा किया जा रहा है।
शहर में जेडीए द्वारा करीब सात एसटीपी का संचालन किया जा रहा है। इसमें पांच एसटीपी द्रव्यवती नदी और एक गजाधरपुरा तथा दूसरा रलावता में है। इसके अलावा नगर निगम द्वारा देहलावास और ब्रह्मपुरी में एसटीपी का संचालन किया जा रहा है। खास बात यह है कि एसटीपी से निकल रहे इस खाद के लिए किसानों से कोई खास खर्चा नहीं करना पड़ रहा है।
चार माह में 220 डम्पर स्लज पहुंचा खेतों में
जेडीए द्वारा द्रव्यवती पर पांच एसटीपी बनाए गए है इनमें चार एसटीपी चल रहे है और एक बंद है। पिछले चार माह में इन एसटीपी से निकले वाला 60 फीसदी स्लज आमजन और किसानों के खेतों में पहुंच गया और इससे उनकी जमीन उपजाऊ हो रही है। 100 एमएलडी के एसटीपी से रोजाना 7 से 8 ट्रक स्लज निकलता है। द्रव्यवती नदी पर 170 एमएलडी के एसटीपी बने हुए है।
द्रव्यवती नदी पर आमजन के लिए तीन पार्क बनाए गए है और साथ द्रव्यवती के दोनों और एक ग्रीन पट्टी भी विकसित की गई है। खाद के रूप में पार्कों के साथ इन ग्रीन पट्टी में स्लज का उपयोग किया जा रहा है। पार्कों सहित करीब 5 लाख वर्गमीटर एरिया में स्लज खाद के रूप में डाला जा रहा है।
कृषि विश्वविद्यालय ने भी मंगवाया स्लज
जोबनेर स्थित कृषि विश्वविद्यालय ने भी अपने खेतों में खाद के रूप में स्लज का उपयोग किया है। इसके लिए जेडीए के एसटीपी से विश्वविद्यालय ने स्लज मंगवाया था। विशेष बात यह है कि इस खाद की गुणवत्ता को लेकर फिलहाल किसी भी प्रकार की कोई स्टडी नहीं की गई है।
उपयोग के बाद बचा शेष स्लज डालते सेवापुरा डिपो में
शहर में चल रहे एसटीपी से रोजाना भारी मात्रा में स्लज निकलता है। किसानों और आमजन द्वारा ले जाने के बाद जो स्लज बचता है उसे सेवापुरा में बनाए गए निगम के डिपो में डाल दिया जाता है।
एक्सईएन द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट दीपक माथुर ने बताया कि द्रव्यवती नदी पर चल रहे एसटीपी से निकलने वाले स्लज का उपयोग किसान खेतों में खाद के रूप में कर रहे है। किसानों ने स्लज के उपयोग से खेती की उपज में बढ़ोत्तरी की बात कहीं है।
नगर निगम ग्रेटर एक्सईएन, देहलावास एसटीपी उमंग राजवंशी का कहना है कि देहलावास एसटीपी में स्लज लेने के लिए आमजन के साथ किसान भी आ रहे है। इस स्लज का उपयोग खाद के रूप में किया जा रहा है।