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कांग्रेस के नक्शेकदम पर INDIA गठबंधन, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में विपक्ष के कौन-कौन दल नहीं होंगे शामिल?

अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो रहा है. 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस शिरकत नहीं करेगी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम के लिए मिले निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है. कांग्रेस ने कहा कि धर्म एक निजी मामला है, लेकिन बीजेपी और आरएसएस ने अयोध्या के राम मंदिर को एक पॉलिटिकल इवेंट बना दिया है. बीजेपी और आरएसएस के नेताओं की तरफ से अधूरे मंदिर का उद्घाटन जाहिर तौर पर चुनाव में फायदा पाने के लिए किया जा रहा है. कांग्रेस ने यह तर्क देकर राम मंदिर के उद्घाटन में शिरकत करने से मना कर दिया है. रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के उद्घाटन के मुख्य अतिथि हैं और मंदिर के गर्भगृह में यजमान की भूमिका में होंगे. रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट रामलला की ओर से राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और देश की फेमस हस्तियों को 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया जा रहा है. इस संबंध में ट्रस्ट ने कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी सहित देश की तमाम राजनीतिक दलों को राम मंदिर उद्घाटन में शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया है. कांग्रेस ने संघ-बीजेपी का कार्यक्रम बताते हुए शामिल होने से इनकार करदिया है. कांग्रेस के नक्शेकदम पर INDIA गठबंधन के घटक दल भी चलते नजर आ रहे हैं. INDIA गठबंधन में शामिल कांग्रेस, सपा, टीएमसी, सीपीआई, शिवसेना (यूबीटी) और आरजेडी, एनसीपी ने अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से अपने कदम पीछे खींच लिए हैं. कांग्रेस ने INDIA गठबंधन के सहयोगी दलों के राम मंदिर को लेकर मिजाज को दो सप्ताह तक समझने के बाद ये कदम उठाया है. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने अपने फैसले के ऐलान से पहले INDIA ब्लॉक में पार्टियों की भावना को भांप लिया था. कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने कहा कि भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों लोग करते हैं. स्पष्ट है कि एक अर्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए ही किया जा रहा है. 2019 के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को स्वीकार करते हुए एवं लोगों की आस्था के सम्मान में मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी बीजेपी और आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं, क्योंकि बीजेपी और आरएसएस के नेताओं द्वारा आधे-अधूरे मंदिर का उद्घाटन स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा. INDIA गठबंधन में शामिल सीपीआई (एम) पहले ही राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने के लिए मना कर चुकी है. सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी ने 26 दिसंबर 2023 को ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि धर्म एक व्यक्तिगत पसंद से जुड़ा मामला है, दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीजेपी और आरएसएस ने इसे एक धार्मिक समारोह को सरकारी कार्यक्रम में बदल दिया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य सरकारी पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं. इसी तरह से गठबंधन की घटक दल टीएमसी भी राम मंदिर उद्घाटन में शिरकत नहीं करेगी. टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर उद्घाटन को प्रचारित करने के लिए बीजेपी की आलोचना की थी. इसके बाद माना जा रहा है कि ममता शामिल नहीं होंगी.

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