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कर्नाटक के 10 जिलों में 40 ठिकानों पर सरकारी अधिकारियों के ख़िलाफ़ लोकायुक्त की रेड

कर्नाटक में लोकायुक्त की छापेमारी चल रही है. राज्य के 10 जिलों में 40 ठिकानों पर सरकारी अधिकारियों के ख़िलाफ़ लोकायुक्त की रेड चल रही है. संदिग्ध डीए मामलों में जूनियर अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी की जा रही है. छापेमारी में 10 मामलों के सिलसिले में भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों के घरों पर कार्रवाई की जा रही है.जांच के दायरे में मेसकॉम समेत तुमकुर, मांड्या, चिक्कमगलूर, हसन, कोप्पल, चामराजनगर, मैसूर, बल्लारी, विजयनगर और मैंगलोर शामिल हैं. अब तक छापेमारी में क्या-क्या मिला है, यह जानकारी अभी सामने नहीं आई है. जिन अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है उनमें तुमकुर: हनुमंतरायप्पा, केआरआईडीएल,  मांड्या: हर्षा, विभाग पीडब्ल्यूडी,  चिक्कमगलुरु: नेत्रवती, सीटीओ,  हसन:जगनाथ जी, खाद्य निरीक्षक, कोप्पल: रेनुकम्मा, वन विभाग, चामराजनगर: पी रवि, ग्रामीण विकास,  मैसूर: यज्ञेंद्र, मुडा,  बल्लारी: बी रवि, सहायक प्रोफेसर, विजयनगर:भास्कर, बिजली विभाग, मैंगलोर: शांता कुमार एचएम, मेसकॉम शामिल हैं.भ्रष्टाचार के मामले में इन अधिकारियों पर एक्शन लिया जा रहा है. कर्नाटक में लोकयुक्त की छापेमारी पहली बार नहीं हुई है. दिसंबर महीने में भी लोकायुक्त से जुड़े अधिकारियों ने आय के अधिक संपत्ति के मामले में 13 अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी की थी. इस छापेमारी में यादगीर जिले के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभुलिंग मानकर के खिलाफ भी कार्रवाई की गई थी,  जिन्हें बीजेपी की कर्नाटक इकाई के एक शीर्ष नेता का रिश्तेदार बताया गया था. लोकायुक्त द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, 68 स्थानों पर छापेमारी की गई थी. छापेमारी में प्लॉट, एक घर, जमीन और एक करोड़ रुपये से अधिक के दस्तावेज पाए गए थे. वहीं, चल संपत्ति में नकदी, सोना और चांदी सहित 49 लाख रुपये की कीमत के अन्य घरेलू सामान भी मिला था. वहीं अगस्त 2023 में 48 जगहों पर लोकायुक्त की छापेमारी की गई थी. उस समय इंजीनियर और कांस्टेबल समेत कई सरकारी अधिकारियों के घरों पर छापेमारी की गई थी.

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