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ईडी दफ्तर पहुंचे कार्ति चिदंबरम, चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर पहुंचे। साल 2011 में चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। तमिलनाडु के शिवगंगा लोकसभा सीट के विधायक 52 वर्षीय कार्ति चिदंबरम को इस मामले में आखिरी बार पिछले साल 23 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। केंद्रीय एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत उनका बयान दर्ज किया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो की एफआईआर के अनुसार, यह मामला वेदांत ग्रुप कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएलपीएल) के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा कार्ति और उनके सहयोगियों को रिश्वत के तौर पर 50 लाख रुपये देने का है। दरअसल, यह कंपनी पंजाब में पावर प्लांट लगाने वाले थे। सीबीआई के अनुसार, पावर प्रोजेक्ट का काम चीनी कंपनी द्वारा किया जा रहा था, लेकिन काम निर्धारित समय से पीछे चल रहा था। टीएसपीएल के एक कार्यकारी ने 263 चीनी श्रमिकों के लिए प्रोजेक्ट वीजा फिर से जारी करने की मांग की थी, जिसके लिए 50 लाख रुपये का आदान प्रदान किया गया था। सीबीआई ने पिछले साल चिदंबरम परिवार के ठिकानों पर छापेमारी की थी और इस दौरान उन्होंने भास्कररमन को गिरफ्तार किया था। कार्ति चिदंबरम से भी पूछताछ की गई थी। कार्ति ने बताया कि उन्होंने पहले ही एजेंसी को दस्तावेज दिखा चुके हैं। कांग्रेस सांसद ने इस मामले को झूठा बताते हुए कहा कि 250 चीनी नागरिकों के अलावा उन्होंने किसी को भी चीनी नागरिक को वीजा प्रक्रिया में मदद नहीं की है। कार्ति चिदंबरम ने कहा कि इस मामले के लिए उनके पिता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम को निशाना बनाया जा रहा है। आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल-मैक्सिस मामलों के अलावा कार्ति के ऊपर यह तीसरा मामला है, जिसकी ईडी जांच कर रही है।

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