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असम में हाथियों के झुंड को बचाने के लिए लोको पायलट ने ट्रेन रोकी

मालीगांव, 17 अक्टूबर, 2024:

16 अक्टूबर, 2024 की एक घटना में ट्रेन संख्या 15959 कामरूप एक्सप्रेस के लोको पायलट श्री जे. डी. दास और सहायक लोको पायलट श्री उमेश कुमार ने हावाईपुर और लामसाखांग स्टेशन के बीच कि.मी. 166/8 – 167/0 पर हाथियों के झुंड को रेल पटरी पार करते हुए देखा। ट्रेन गुवाहाटी से लामडिंग की ओर जा रही थी। यह घटना रात करीब 20:37 बजे की है। सतर्क लोको पायलट और सहायक लोको पायलट ने आपातकालीन ब्रेक लगाए और लगभग 60 जंगली हाथियों को ट्रेन की टक्कर से बचाया। ट्रेन के पायलटों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित इंट्रुशन डिटेक्शन सिस्टम (आईडीएस) द्वारा सतर्क किया गया था, जो इस सेक्शन में कार्यान्वित है। पू. सी. रेलवे ने अपने क्षेत्राधिकार के अधीन अन्य सभी हाथी गलियारों में भी धीरे-धीरे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित इंट्रुशन डिटेक्शन सिस्टम (आईडीएस) स्थापित करने की योजना बनाई है। यह प्रणाली पहले भी रेलवे ट्रैक पर पहुँचने वाले कई हाथियों की जान बचाने में काफी सफल रही है।

इंट्रुशन डिटेक्शन सिस्टम (आईडीएस) हाथियों की रक्षा और ट्रेन परिचालन की गतिशीलता में सुधार के लिए एक पर्यावरण-स्थायी समाधान है। यह प्रणाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर आधारित है और संबंधित स्थानों पर वन्य जीवों की पहचान के लिए मौजूदा ऑप्टिकल फाइबर का इस्तेमाल सेंसर के तौर पर किया जाता है। इसके बाद नियंत्रण कार्यालयों, स्टेशन मास्टर, गेटमैन और लोको पायलटों को सतर्क किया जाता है। यह ट्रैक पर हाथियों की वास्तविक समय पर उपस्थिति की सूचना देने के लिए डायलिसिस स्कैटरिंग फेनोमेनॉन के सिद्धांत पर कार्य करने वाले फाइबर ऑप्टिक आधारित ध्वनिक प्रणाली का उपयोग करता है। एआई आधारित सॉफ्टवेयर मुख्य इकाई के दोनों ओर 40 कि.मी. (यानी 80 कि.मी. के कुल क्षेत्र) तक असामान्य गतिविधियों की निगरानी कर सकता है। इसके अलावा आईडीएस रेल फ्रैक्चर, रेल पटरी पर अनधिकृत प्रवेश का पता लगाने और रेल पटरियों के पास अनधिकृत खुदाई, पटरियों के पास भूस्खलन आदि से आपदा शमन के बारे में भी सतर्क करने में सहायक होगा।

            आईडीएस के अलावा, पू. सी. रेलवे यह भी सुनिश्चित करता है कि लंबी झाड़ियों और जंगल को काटकर ट्रेनों के चालकों को परिचालन के समय बेहतर दृश्यता मिले। पूर्वोत्तर सीमा रेलवे रेल पटरियों के पास पहुँचने वाले जंगली जानवरों, विशेषकर हाथियों की आवाजाही को रोकने और उनका पता लगाने के लिए विभिन्न पहल कर रही है। वन विभाग के साथ कई बैठक की गई हैं और रेलवे एवं वन विभाग द्वारा एक संयुक्त कार्रवाई बल का गठन किया गया था।

पू. सी. रेलवे ने कैलेंडर वर्ष 2023 के दौरान कुल 414 हाथियों और 16 अक्टूबर, 2024 तक 383 हाथियों को बचाया है।

 

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