जयपुर, 16 फ़रवरी
अतिक्रमणकारियों पर लगाम लगाने को लेकर जयपुर विकास प्राधिकरण प्रशासन के पास कोई ठोस योजना नहीं है। यहीं वजह है कि राजधानी में सरकारी जमीनों पर लगातार अतिक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे है। हालांकि जेडीए की प्रवर्तन शाखा लगातार अतिक्रमण पर कार्रवाई कर रही है, लेकिन अतिक्रमणकारी फिर से उसकी जमीन पर कब्जा जमा कर जेडीए को आंखे दिखा रहे है। यह बात हाल ही जेडीए की प्रवर्तन शाखा द्वारा की जा रही कार्रवाइयों से साबित होती है।
उदाहरण के तौर पर जोन-2 में अंबाबाड़ी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के पीछे जेडीए स्वामित्व की करीब 2500 वर्गगज भूमि पर किए गए अतिक्रमण को 3 मार्च 21 को हटाया गया था। इसके बाद अतिक्रमियों द्वारा रातों-रात सीमेंट स्लैब से चारदीवारी बनाकर भूमि पर पुन: अतिक्रमण कर लिया गया, जिस पर जेडीए द्वारा अतिक्रमणकर्ता को 4 मार्च 21 को धारा 72 का नोटिस जारी करने के बाद अतिक्रमण हटाया गया। ऐसे मामलों से जेडीए की प्रवर्तन दस्ते का रिकॉर्ड भरा हुआ है।
रोजाना प्रवर्तन शाखा कर रही आधा दर्जन कार्रवाई
अतिक्रमण को लेकर जेडीए की प्रवर्तन शाखा लगातार अच्छा काम कर रही है। आंकड़ों की बात की जाए तो प्रवर्तन शाखा रोजाना अतिक्रमणकारियों के खिलाफ आधा दर्जन से अधिक कार्रवाई करती है। कार्रवाई करने के बाद जमीन की सुरक्षा का जिम्मा जोन अधिकारियों को सौंप दिया जाता है।
प्लानिंग में कमजोर जेडीए प्रशासन
अतिक्रमणकारियों से जमीन मुक्त करवा कर प्रवर्तन शाखा जोन अधिकारियों को जमीन सौंप देती है, लेकिन जेडीए प्रशासन के बाद अतिक्रमण मुक्त करवाई गई जमीन के उपयोग और सुरक्षा को लेकर कोई प्लानिंग नहीं है। इस कारण भूमाफिया फिर से उस जमीन पर काबिज हो जाते है,ऐसे में जेडीए दस्ते को फिर से उसी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाने के लिए जाप्ता भेजना पड़ा है।
मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन जेडीए धर्मेंद्र यादव ने बताया कि प्रवर्तन शाखा का काम अतिक्रमण हटाने का होता है। इसके बाद जमीन की सुरक्षा और उपयोग सहित सारा काम जेडीए प्रशासन का है। अतिक्रमण हटाने के बाद भी फिर से सरकारी जमीनों पर कब्जे हो जाते है। ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे है। वहीं मामले से जुड़े एक अधिकारी का कहना हैं कि अतिक्रमण मुक्त करवाने के बाद भी भूमाफिया जेडीए की जमीनों पर कब्जा कर लेते है। अतिक्रमण मुक्त करवाई गई जमीनों की सुरक्षा और उन पर नई योजनाएं लाने को लेकर कोई प्लानिंग नहीं है। जमीनों की सुरक्षा और उन पर नई योजनाएं लाने को लेकर जेडीसी से चर्चा की जाएगी।
यादव ने बताया कि प्रवर्तन दस्ता लगातार कार्रवाई कर रहा है, लेकिन फिर से अतिक्रमण मुक्त जमीन पर कब्जा हो जाता है। इसके लिए पूरी प्लानिंग की जरुरत है। डीसी स्तर पर इसके लिए काम किया जाना चाहिए