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24 मई को रिलीज होगी देसी सुपर स्टार मनोज बाजपेयी की 100वीं फिल्म “भैया जी”

पटना,देसी सुपर स्टार मनोज बाजपेयी की 100 वीं फिल्म फिल्म “भैया जी” कल यानी 24 मई को बड़े परदे पर रिलीज हो रही है. इसको लेकर आज सिनेपोलिस पटना में प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें खुद मनोज बाजपेयी शामिल हुए और फिल्म को लेकर अपना अनुभव, मेकिंग और बिहार से जुडाव के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की. इस दौरान मनोज बाजपेयी ने बताया कि कभी सोचा नहीं था कि 10 फिल्म भी कर पाउँगा, लेकिन यह मेरी 100 वीं फिल्म है. यह मेरी लिए ख़ास है और मेरी इस सफलता में मीडिया का भी बड़ा योगदान है. मनोज बाजपेयी ने बताया कि “भैया जी” प्रेम और रिश्तों के खोने के इमोशन पर आधारित फिल्म है. इसकी मेकिंग पर काफी मेहनत की गयी है. मुझे नहीं पता था कि यह मेरी 100 वीं फिल्म है, क्योंकि मेरा ध्यान काम पर होता है. फिल्म के निर्देशक अपूर्व सिंह कार्की ने शूटिंग के दौरान हमारा ध्यान इस ओर आकर्षित कराया. साथ ही मेरे नाम से #MB को ट्रेंड कराने जिससे कई काम मेरी निर्देशक के द्वारा की गयी है. मेरी इस जीत में आज जनता को अपनी जीत नज़र आ रही है. एक कलाकार के रूप में मेरे लिए यह सुकून की बात है. उन्होंने फिल्म के बारे में बात करते हुए कहा कि बिहार, यूपी, एमी जैसे राज्य वालों को ये पता ही होगा कि सौतेले रिश्तों में भी प्रेम होता है. इसी की कहानी है, जिसके लिखे जाने के क्रम में लिखने के क्रम में अपूर्व सिंह कार्की और दीपक किंगरानी मेरी फिल्म को लेकर तैयारी हुई. इसी दौरान फिल्म का टाइटल भी तय हुआ “भैया जी”, जो इस फिल्म की कहानी का रीढ़ है. हमारी फिल्म में एक्शन लार्ज देन लाइफ है, लेकिन हमने ये भी ध्यान रखा है कि एक्शन के चक्कर में कैरेक्टर को ना छोड़ा जाए, वरना एक्शन आइटम हो जाता है. उन्होंने फिल्म में अपने एक्शन को लेकर कहा कि मैं बिहारी हूँ. मैं गांव में गया, भैंस, बैल, बकरी, हाथी के साथ बड़ा हुआ. बिना मिलावट का खाना खाया. ऊर्जा उसी से आती है. मेरे लिए जीवन का अनुशासन महत्वपूर्ण अंग है. खान पान में कंट्रोल हैं. इसके बाद एस विजन, जो साउथ के लिजेंड्री एक्शन निर्देशक उनके साथ मिलकर मेहनत की और हनुमान चालीसा पढ़कर एक्शन किया. फिल्म का 98% खुद एक्शन किया है. उन्होंने बिहार से लगाव की बात पर कहा कि साल में एक बार या दो बार बिहार जरूर आता हूं. यहाँ  ज्यादा समय अपने गांव में रहता हूं. घर परिवार में आकर अच्छा लगता है. मगर विगत एक दो साल से अजीब लगता है. माता पिता की कमी खलती है. उन्होंने नेपोटिज्म को अपमानजनक शब्द बताया और कहा कि जब आप मेरी फ़िल्में देखेंगे- अलीगढ़, सत्या, सूल जैसी, जिसने मुझे कलाकार के रूप में स्थापित किया. वहां कोई प्रतिस्पर्धा नहीं थी. वहां के के मेनन जैसे कलाकार से प्रतिस्पर्धा थी. हम एक दूसरे के साथ सीखने वाले लोग थे. मेरा रास्ता अलग था और उस रास्ते पर चलकर अभिनेता के रूप में नाम कमाया. अपने आप पर तैयारी नहीं की तो मुंबई में मेरा कोई नहीं था. इसलिए अपने सपने के साथ मैं गांव से दिल्ली गया. वहां अपने आप को रंगमंच में  अभिनेता के रूप में स्थापित किया, फिर मुंबई गया.  इसलिए इस कठिन इंडस्ट्री में बाहर से आने वाले लोगों से कहता हूँ कि नेपोटिज्म की बात छोड़ दीजिए और अपने काम पर ध्यान दीजिए.  जो अवसर मिले, वो सीख कर जाएं हर छोटे बड़े अवसर को भुनाईये. उन्होंने कहा कि अवसर उतने ही हैं, लोग ज्यादा हैं. बाहर से आने वालों के लिए कठिन इंडस्ट्री है. यहाँ  मेरी लड़ाई भी लंबी चली.राजनीति में आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस आदमी ने अपने सपने के लिए माता पिता के साथ का त्याग किया, वो उस रास्ते पर क्यों जाए, जिस गली में कुछ पता नहीं है. वहां जाना मैं सबसे बड़ी मूर्खता समझता हूँ.  आपको बता दें कि इस फिल्म में मनोज तिवारी के साथ मनोज बाजपेयी, विपिन शर्मा, जतिन गोस्वामी, सुविंदर विक्की, जोया हुसैन, आकाश मखीजा मुख्य भूमिका में हैं. भानुशाली स्टूडियोज लिमिटेड, एसएसओ प्रोडक्शंस और ऑरेगा स्टूडियोज के बैनर से बनी फिल्म “भैया जी” के निर्माता विनोद भानुशाली, कमलेश भानुशाली, समीक्षा ओसवाल, शैल ओसवाल, शबाना रजा बाजपेयी और विक्रम खाखर हैं। सह निर्माता हैं – भावेश भानुशाली और नवीन क्वात्रा.

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