शिमला, 02 अप्रैल
राजधानी शिमला में एक युवक की हत्या कर उसके शव को जलाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मंदिर में चोरी के शक में गांव के लोगों पर युवक को पीट-पीट कर मौत के घाट उतारने का आरोप है। इसके बाद सबूत मिटाने के लिए युवक के शव को जला दिया गया। मृतक युवक की आयु 38 साल थी और वह गांव के ही एक परिवार के पास मजदूरी करता था। वारदात के 11 दिन बाद मृतक युवक की मां की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज किया है। घटना राजधानी शिमला के बालूगंज थाना क्षेत्र के पनेश इलाके की है।
शिमला से सटे सुन्नी की बझोल निवासी तारा देवी ने पुलिस में दर्ज शिकायत में कहा है कि उसका बेटा टीकमचंद पिछले आठ-नौ सालों से पनेश से साथ लगते गांव खरयाड़ में सेवानन्द के घर में मजदूरी का काम करता था। बीते 22 मार्च को सेवानन्द की पत्नी प्रभा ने इसे फोन कर बताया कि इसके बेटे की गिरने के कारण मौत हो गई है और शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। शिकायतकर्ता के मुताबिक उसे यह बताया गया था कि उसके बेटे ने मंदिर में चोरी की है और गिरने की वजह से उसकी जान गई है।
मृतक की मां ने पुलिस को बताया कि स्थानीय लोगों से उसे पता चला कि 21 मार्च को उसका बेटा शीतला माता मंदिर गया था, जहां गांव के लोगों ने चोरी के शक में उसकी बुरी तरह पिटाई की और मौत होने पर शव को जला डाला। मृतक युवक की मां का कहना है कि उसके बेटे को मौत के घाट उतारा गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि गांव के कुछ लोगों ने इसके बेटे के शव को जलाकर साक्ष्य मिटा दिये हैं।
एसपी शिमला संजीव गांधी ने मंगलवार को बताया कि इस घटना को लेकर आईपीसी की धारा 302, 201 व 202 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। अभी तक किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है। सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है।