ई-डिटेक्शन पोर्टल, हैंड हेल्ड डिवाइस व बॉडी वॉर्न कैमरे से पारदर्शिता कार्रवाई के साथ की जा रही कार्रवाई
बिहार की यातायात व्यवस्थाओं को बेहतर और सुदृढ़ करने हेतु कुल 10 हजार 332 पदों की स्वीकृति दी गई है। पूर्व से 12 जिलों में स्वीकृत यातायात बलों के अलावे प्रदेश के अन्य 28 जिलों में यातायात थानों हेतु 4215 और हाइवे पेट्रोलिंग योजना के लिए कुल 1560 यातायात बलों की स्वीकृति मिली है। BPR&D नॉर्म्स 2015 के अनुसार पटना जिले में 1807 अतिरिक्त यातायात बलों की स्वीकृति मिली है।बेहतर ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर यातायात बलों की उपलब्धता के आधार पर विभिन्न जिलों में यातायात बल उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सिपाही भर्ती की परीक्षा संपन्न हो जाने के बाद प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्वीकृत बलों की पूर्ती की जाएगी।
हैंड हेल्ड डिवाइस (HHD) से साक्ष्य आधारित कार्रवाई के कारण शिकायतों में कमी के साथ राजस्व में हुई वृद्धि बिहार में नवंबर 2023 से यातायात नियमों के उल्लंघन पर मैनुअल चालान की प्रक्रिया को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। राज्य में 1527 हैंड हेल्ड डिवाइस से यातायात नियमों को तोड़ने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप और साक्ष्य आधारित कार्रवाई के कारण चालान प्रक्रिया के दौरान मिलने वाली शिकायतों में काफी कमी आई है। साथ ही हैंड हेल्ड डिवाइस (HHD) से कार्रवाई के कारण राजस्व में भी वृद्धि हुई है।
राज्य में यातायात नियमों के उल्लंघन पर चालान की कार्रवाई में वर्ष 2022 से वर्ष 2023 के बीच 116.43 फीसदी की वृद्धि हुई है। वर्ष 2023 में जनवरी से जुलाई के बीच यातायात नियमों के उल्लंघन के विरुद्ध लगभग 18 करोड़ 75 लाख की जुर्माना राशि वसूली गई। इसकी तुलना में वर्ष 2024 में जनवरी से जुलाई के बीच नियम तोड़ने वालों के विरुद्ध चालान की कार्रवाई में 213 फीसदी की वृद्धि हुई है।
7 अगस्त 2024 से बिहार के सभी टोल प्लाजा पर ई-डिटेक्शन पोर्टल की हुई है शुरुआत
ट्रांसपोर्ट विभाग एवं NIC के माध्यम से राज्य के सभी टोल प्लाजा पर 7 अगस्त 2024 से ई-डिटेक्शन पोर्टल की शुरुआत की गई है। 7 से 15 अगस्त 2024 तक यातायात नियमों के उल्लंघन पर लगभग 9 करोड़ 50 लाख रुपए का चालान किया गया है।ई-डिटेक्शन पोर्टल का उद्देश्य सड़क सुरक्षा की दिशा में सुधार लाना है। राष्ट्रीय राजमार्गों (NH) पर संचालित इस पोर्टल के माध्यम से सड़क पर चलने वाली अनफिट गाड़ियों पर अंकुश लगाया जा सकता है, जिससे सड़क दुर्घटना में कमी आएगी।सड़क पर अनफिट गाड़ियों के दौड़ने का एक बड़ा उदाहरण हाल ही में 10 जून 2024 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में Poor Enforcement के कारण हुई बस दुर्घटना था, जिसमें बिहार के 18 यात्रियों की मौत हुई थी।553 बॉडी वॉर्न कैमरे की मदद से यातायात गतिविधियों पर रखी जा रही है नजर, पारदर्शिता के साथ हो रही है कानूनी कार्रवाई ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की वर्दी पर लगे बॉडी वॉर्न कैमरे से अब हर चीज रिकॉर्ड हो रही है, जिससे यातायात नियमों के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई के दौरान पारदर्शिता बढ़ी है। इसका उद्देश्य यातायात नियमों के उल्लंघन पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों द्वारा की जाने वाली कानूनी कार्रवाई के दौरान वाहन चालकों से मिलने वाली शिकायतों को कम करना है।साथ ही ट्रैफिक पुलिस पदाधिकारी/कर्मियों के लिए बॉडी वॉर्न कैमरा कानूनी कार्रवाई के दौरान एक कानूनी ढाल का भी काम करेगा। इसके प्रभावी उपयोग के लिए जल्द ही SOP जारी किया जाएगा।यातायात बलों के स्वीकृत पदों के हिसाब से प्रदेश के विभिन्न जिलों में यातायात बलों की पदस्थापना हो जाने से राज्य की यातायात व्यवस्थाओं में गुणात्मक सुधार होगा। साथ ही स्टेट हाइवे पेट्रोलिंग पुलिस में यातायात बलों की पदस्थापना हो जाने से राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों (NH) पर होने वाली दुर्घटनाओं में मौत के आंकड़ों में भी कमी लाई जा सकती है।