पटना, 09 अप्रैल 2025: सूफीवाद, सूफियाना शब्द और संगीत एक-दूसरे से वैसे ही संबंधित है जैसे रंगों का। और जब ये जमा हो जाते हैं तो ये खूबसूरत इंद्रधनुष में बदल जाते हैं।
ये बातें पीएलएफ अध्यक्ष डॉ. सत्यजीत सिंह ने कहीं। उन्होंने कहा कि सूफी कविता और संगीत की परंपरा सदियों पुरानी है। सदियों से इसने दिल की दुनिया पर राज किया है। जब सूफी शब्द संगीत पर गूंजते हैं तो ऐसा लगता है जैसे आत्मा को पंख लग जाते हैं और हम आंखें बंद करके दूसरी दुनिया में चले जाते हैं, एक ऐसी दुनिया जहां शांति है, आराम है, सांसारिक चिंताओं से मुक्ति है, एक ऐसी अनुभूति होती है जिसे शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता है।
यही कारण है कि सूफी शब्दों से भी लोगों के कदम महफिल की ओर अपने आप बढ़ने लगते हैं, एक उत्सुकता जाग जाती है। ये अजीमाबाद की धरती है जो इसे साहित्य और सूफीवाद की सदियों पुरानी परंपराओं से सजाया गया है। उन्होंने ने कहा कि पटना लिटरेरी फेस्टिवल (पीएलएफ) न केवल भारत में अपनी खूबसूरत सभाओं के लिए जाना जाता है, बल्कि अब यह विश्व स्तर पर जाना जा रहा है अभी तक 15 प्रोग्राम कर चुके हैं और इसमें कोई संदेह नहीं है कि इसमें महत्वपूर्ण भूमिका इसके संस्थापक एवं सचिव खुर्शीद अहमद की है, जो हमेशा साहित्यिक और आध्यात्मिक सभाओं में भाग लेते हैं। एवं पटना में खूबसूरत प्रोग्राम करते है पटना वासियों के लिए, पीएलएफ के संस्थापक सचिव खुर्शीद अहमद इसे कुछ नए अंदाज में पेश करने की कोशिश में लगे हुए हैं।
बिहार और विशेष रूप से राजधानी पटना हमेशा से बहुत साक्षर रही है और इसके निवासी साहित्यिक और सूफी सभाओं के शौकीन रहे हैं। ऐसे आयोजनों ने उन्हें इस हद तक प्रेरित किया है शायद इसी बात को ध्यान में रखकर इस बार खुर्शीद अहमद ने ऐसी महफिल आयोजित करने की कोशिश की है जो लंबे समय तक बिहार और पटना के लोगों के दिलों को छूता रहेगा। उस्ताद नुसरत फतेह अली खान सूफी शायरी की दुनिया के ऐसे रौशन सितारे हैं जिनकी झंकार आंखों को सुकून देती है। उनकी याद में पटना में एक संगीत कार्यक्रम
आगामी 13 अप्रैल 2025 को बांकीपुर क्लब पटना में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें दुबई और ग्रेट ब्रिटेन सहित कई देशों और भारत के सभी प्रमुख शहरों में शानदार प्रदर्शन कर चुके मशहूर और चर्चित कव्वाल ग्रुप रहमत नुसरत ग्रुप देहरादून के स्वार्जित टसम्टा अपनी बेहतरीन कला का प्रदर्शन करेंगे, जिसे लेकर खुर्शीद अहमद का कहना है कि यह बिहार के लोगों के लिए अविस्मरणीय होगा। इस समूह का नेतृत्व सर्वजीत तामता करेंगे। जिनके बारे में संगीत विशेषज्ञों का कहना है कि उनके गले में ‘सुरों की देवी सरस्वती’ रहती है। सर्वजीत तामता के ग्रुप रहमत नुसरत को देश-विदेश में बेहद खास मौकों पर आमंत्रित किया जाता है और जहां भी इस ग्रुप ने अपनी कला का प्रदर्शन किया है, वह लोगों के लिए अविस्मरणीय रहा है।
कार्यक्रम में पीएलएफ अध्यक्ष डॉ. सत्यजीत सिंह एवं खुर्शीद अहमद की देख रख में पीएलएफ के सभी सदस्य इसे लेकर दोनों बेहद उत्साहित और सक्रिय हैं और इसे यादगार बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हालाँकि, यह अवसर उन लोगों के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ है जहाँ सर्वजीत तामता के समूह रहमत नुसरत ने अब तक प्रदर्शन किया है और मंडली ने नया रिकार्ड स्थापित किया है। इसलिए उन्होंने प्रतिभागियों से अनुरोध किया है कि कार्यक्रम 6 बजे शुरू होगा लेकिन उनके लिए अच्छा होगा कि सभी प्रतिभागी 5ः45 बजे तक अपनी सीटों को ग्रहण कर लें। ताकि वे शुरू से अंत तक कार्यक्रम का पूरा आनंद ले सकें।उन्होंने कहा कि यह समूह अपनी कुछ विशेष प्रस्तुतियों से श्रोताओं एवं दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देगा। यह बेहद खूबसूरत अनुभव होगा। इस समूह ने कव्वाली की कला को प्रज्वलित किया है और नए प्रयोग भी किए हैं जिन्हें विश्व स्तर पर सराहा गया है। यह बिहार, खासकर पटना के लोगों के लिए सौभाग्य की बात होगी कि वे इस खूबसूरत महफिल का हिस्सा बन सकेंगे और अपनी आत्मा को तरोताजा कर सकेंगे।
खुर्शीद अहमद का दावा है कि उन्होंने इस आयोजन की सफलता के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और पूरे समूह का समर्थन अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस आयोजन के बारे में अधिक जानकारी दी कि श्री नन्द किशोर यादव अध्यक्ष बिहार असेंबली मुख्य अतिथि होगे और श्री देवेश चंद्र ठाकुर मेंबर ऑफ पार्लियामेंट और श्री सैयद नासिर अली चीफ कमिश्नर इनकम टैक्स बिहार सम्मानित अतिथि होंगे। साथ में महेश अग्रवाल सचिव बांकीपुर क्लब मौजूद रहेंगे एवं 400 लोगों के रहने की उम्मीद है जो लुफ्त उठायेंगे।