अलीगढ़ 20 अप्रैल रजनी रावत। श्री महावीर दिगम्बर जैन मंदिर में चल रहे पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव अंतर्गत सुबह से ही श्रावक श्राविकाओ ने गर्भ कल्याण धार्मिक अनुष्ठान की सभी धार्मिक क्रियाएं प्रतिष्ठाचार्य पुष्पेंद्र शास्त्री के निर्देशन में सम्पन्न हुई। पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव जैन धर्म का एक अहम त्योहार है यह त्योहार, आत्मा से परमात्मा बनने की प्रक्रिया का प्रतीक है। जिसमें तीर्थंकर के जीवन की पॉच शुभ घटनाओं के माध्यम से मनाया जाता है, इन पॉच घटनाओं में से गर्भ कल्याणक, तीर्थंकर के माता के गर्भ में आने की घटना है। इस दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए आचार्य श्री 108 आदित्य सागर जी मुनिराज ने कहा कि जो मनुष्यता से पर हो जाता है वही भगवान होता है भगवान का अर्थ होता है मेरे अंदर सभी प्रकार की विकार वासना समाप्त हो गई है मुझे अब अस्त्र-शस्त्र और वस्त्र की कोई ताल्लुक नहीं है मेरी आत्मा से निर्धम दिव्य प्रकाश निकल रहा है राग द्वेष की दूरी कल्मस का धुआं नहीं है राग द्वेष की कालिमा जिनको ज्योति को धूमिल नहीं कर सकती है वही भगवान है वही अर्धनारीश्वर है, दोपहर में सीमंतनी क्रिया की गई जिसमें तीर्थंकर आदिनाथ की माता की गोद भराई क्रिया पूर्ण की गई। जिसमें सैकड़ों महिलाओं ने माता की गोद भराई कर धर्म लाभ लिया। इस दौरान एक विशाल शोभायात्रा भी निकाली गयी जिसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर प्रद्युम्न कुमार जैन, मिलन जैन, राकेश जैन, गौरव जैन, सम्वेग जैन, वीरेंद्र कुमार जैन, दीपेंद्र जैन, मयंक जैन, बबलू जैन, संजय जैन, शरद जैन, विशाल जैन, भारत जैन, चंचल जैन, सत्यम जैन, सीनेश जैन, ममता जैन, अंशिका जैन, प्रीति जैन, खुशी जैन आदि समाज के महिला पुरुष बच्चे उपस्थित रहे।
