गुवाहाटी/पटना 21 दिसंबर 2024
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं असम प्रभारी राजीव रंजन प्रसाद ने असम प्रदेश जदयू की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में देश एवं बिहार में डबल इंजन की सरकार ने विकास के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं । स्थायित्व एवं बेहतर समन्वय के साथ दोनों नेताओं ने मिलकर सुशासन को जन जन तक पहुंचाया है ।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री अनिल बोरा ने असम में जदयू की सांगठनिक गतिविधियों की जानकारी दी ।
श्री प्रसाद ने कहा कि बिहार में विकास की गंगा बह रही है । आधारभूत संरचना, कमजोर वर्गों का न्याय के साथ विकास एवं सशक्तिकरण तो संभव हुआ ही साथ ही नौकरियों एवं रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के निश्चय के परिणामस्वरूप 12 लाख नौकरियाँ एवं 34 लाख रोज़गार 2025 तक दिए जा रहे हैं ।
श्री प्रसाद ने कहा कि विकास के बिहार माॅडल से असम की जनता भी परिचित है और असम में पार्टी के विस्तार में इसकी वजह से काफ़ी लाभ हुआ है । दो तिहाई जिलों में संगठन का गठन हो चुका है और अन्य जिलों में भी यह कार्य शुरू हो गया है । सदस्यता अभियान भी जोर शोर से चल रहा है ।
समावेशी विकास का बिहार माॅडल सर्वत्र अनुकरणीय है । जीएसडीपी की वृद्धि दर बेहतर हुई है और प्रति व्यक्ति आय में भी बढ़ोतरी हो रही है,जिससे लोगों के जीवन स्तर में काफ़ी सुधार आया है । बिहार निवेशकों का पसंदीदा राज्य बन चुका है । 2023 में निवेशकों ने पचास हजार करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश करने की सहमति दी है और 2024 में कल निवेशकों एवं राज्य सरकार के बीच एक लाख अस्सी हज़ार करोड़ रुपये से अधिक निवेश की सहमति बनी है ।
स्पष्ट है कि निवेशकों ने बेहतर आधारभूत संरचना, कानून व्यवस्था एवं करिश्माई मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अगुवाई में अपना भरोसा जताया है । निःसंदेह इससे राज्य में विकास एवं रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे।
श्री प्रसाद ने बताया कि 2025 में होने वाले पंचायत एवं 2026 के विधानसभा चुनाव में असम इकाई हिस्सा लेना चाहती है । पार्टी नेतृत्व से बात करने के बाद ही इस मुद्दे पर निर्णय लिया जाएगा। पार्टी को असम के दोनों आॅटोनोमस काउंसिल्स कार्बी आॅगलाॅंग एवं नार्थ कछार आॅटोनोमस कौंसिल, बराक घाटी समेत कई क्षेत्रों में अच्छा समर्थन मिल रहा है।
इस बैठक में पार्टी के नेताओं पूर्व सांसद श्री प्रशांत परोसिया, अमिताभ फुकन, सैयद जमशेदुर्रहमान, चांद महमूद, मौसमी बोरा चैधरी, चाँद महमूद, आलोक चैधरी, अनिल बोरा, शहाबुद्दीन, अबुल कासेम, बप्पी बढ़भुइया तरुण सैकिया, रसीदा खातून, मीनूवारा बेगम, प्रणिता बर्मन, बबीता बोरा, सुल्ताना अजीमा, निर्माती नाथ आदि ने भी अपने विचार साझा किए।