हसनपुरा : नगर पंचायत हसनपुरा के उसरी बुजुर्ग स्थित शिव मंदिर के प्रांगण में चल रहे नौ दिवसीय श्रीरामचरितमानस एवं नवाह परायण श्रीराम कथा के पांचवें दिन शनिवार की रात अयोध्या से पधारी मानस कोकिला अर्चनामणि पराशर ने उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीराम व सीता मिलन का सुंदर चित्रण किया। इस दौरान श्री पराशर ने अपने मुखारबिंद से कहा कि श्री राम-लखन वैदेही वाटिका के रखवाली करने वाले माली अपने कार्य पर लगे हुए हैं। इसी बीच श्री राम अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ फूल की डलिया लेकर पुष्प वाटिका पहुंचते हैं। राजा जनक के महल में अवस्थित पुष्पवाटिका की रखवाली में लगे माली अपनी चुस्ती दिखा रहे थे। इसी बीच भगवान श्रीराम का पुष्प वाटिका के द्वार पर पदार्पण होता है। वाटिका के प्रमुख द्वार पर तैनात वाटिका के मुख्य माली ने श्री राम को वाटिका में प्रवेश से रोक दिया।माली भगवान श्रीराम से कह रहे हैं कि आपके हाथ कमल के फूल से भी कोमल हैं। इन हाथों से आप कैसे फूल तोड़ पाएंगे। हम माली ही फूल तोड़ कर आपको दे देते हैं। मालियों ने श्रीराम को वैदेही की जय कहने को कहा जिसे प्रभु ने रघुकुल की शान के विरुद्ध माना और ऐसा करने से इंकार कर दिया। हालांकि, बाद में कोई चारा नहीं चलता देख हार मानकर श्रीराम ने जनकपुर के निवासियों एवं जनक पुत्री के जयकारे लगाये। जयकारे के बाद मालियों ने प्रभु को वैदेही वाटिका में फूल तोड़ने को छूट दे दी। उधर मालियों ने मन ही मन श्री राम को वैदेही का वर मान लिया था। इस दौरान कथा पंडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं ने श्रीराम-सीता मिलन प्रसंग को सुन प्रफुल्लित हो गए।
मौके पर सैकड़ों महिला पुरुष श्रध्दालु उपस्थित थे।