पटना, 6 फरवरी। जल-जीवन-हरियाली दिवस के अवसर पर विद्धुत भवन के कांफ्रेस हॉल में ‘सौर ऊर्जा उपयोग का प्रोत्साहन एवं ऊर्जा की बचत’ विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में एटी एंड सी हानि को कम करने, ऊर्जा संरक्षण एवं ऊर्जा दक्षता की महत्ता, स्मार्ट प्रीपेड मीटर-ऊर्जा संरक्षण हेतु एक अभिनव प्रयोग, बिहार राज्य में सौर्य ऊर्जा की असीमित संभावनाएं सहित कई बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत निर्धारित लक्ष्यों की ओर निरंतर बढ़ते पर जोर दिया गया।
इस परिचर्चा में साऊथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एसबीपीडीसीएल) के प्रबंध निदेशक श्री महेंद्र कुमार, नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड(एनबीपीडीसीएल) के प्रबंध निदेशक श्री डॉ. आदित्य प्रकाश, एसबीपीडीसीएल के प्रबंधन निदेशक, रिवेन्यू, श्री अरविंद कुमार, बिहार रिन्युएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (ब्रेडा) के उपनिदेशक श्री सुधांशु कुमार सिंह सहित अन्य कई वरिष्ठ अधिकारियों ने अपनी बात रखी।
साऊथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एसबीपीडीसीएल) के प्रबंध निदेशक श्री महेंद्र कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत कार्बन उत्सर्जन के विकल्प के तौर पर सौर्य उर्जा के विकल्प को विकसित किया जा रहा है। बिहार में किये जा रहे काम की तारीफ वैश्विक स्तर पर हो रही है। हम अपने निर्धारित लक्ष्य से आगे निकल गये हैं। सरकारी भवनों में तो सोलर प्लांट लगाने का काम अपने निर्धारित लक्ष्य से कहीं आगे चल रहा है लेकिन जरूरत निजी भवनों में उपभोक्ताओं को सोलर प्लांट लगाने के लिए जागरूक और प्रोत्साहित करने की है। प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत भी एक करोड़ घरों में सोलर प्लांट लगाने की बात चल रही है। बिहार में इस क्षेत्र में पहले से ही निरंतर काम चल रहा है।
उन्होंने कहा कि चतुर्थ कृर्षि रोड मैंप में भी कृषि क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा के तहत सोलर उर्जा को बढ़ावा देने की बात की गई है। बिहार में हवा और जल से ऊर्जा पैदा करने का विकल्प कम है, लेकिन इस क्षेत्र में सौर्य ऊर्जा की अपार क्षमता है। बिहार में नहरों के किनारों भी सौर्य ऊर्जा प्लांट लगाने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं।
नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड(एनबीपीडीसीएल) के प्रबंध निदेशक श्री डॉ. आदित्य प्रकाश कहा कि बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर भी ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की क्षमता रखता है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर के जरिये उपभोक्ता ऊर्जा के उपभोग पर निरंतर घ्यान रख सकेंगे। स्मार्ट प्रीपेड मीटर से उन्हें ऊर्जा के कुशल इस्तेमाल में सुविधा होगी। बिहार स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के मामले में देशभर में अग्रणी राज्य है।
बिहार रिन्युएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (ब्रेडा) के परियोजना निदेशक श्री खगेश चौधरी जहां ऊर्जा संरक्षण के तौर तरीकों पर विस्तार से चर्चा की वहीं एसबीपीडीसीएल, रिवेन्य, के जीएम श्री अरविंद कुमार ने बताया कि कैसे तकनीक में सुधार करके ऊर्जा का संरक्षण कर सकते हैं।
ब्रेडा के उपनिदेशक श्री सुधांशु कुमार ने आगाह किया कि ऊर्जा के अव्यवस्थित प्रयोग से मानवता को खतरा है। ऊर्जा संरक्षण के बारे में लोगों का जागरुक और प्रशिक्षत करने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है।
बीएसपीएचसीएल के परामर्शी श्री एसकेपी सिंह ने कहा कि बेसिक इंजीनियरिंग का फार्मूला है सही मूल्यांकन फिर नियंत्रण। जब तक चीजों को सही आकलन नहीं करेंगे तब तक उन्हें नियंत्रित नहीं कर पाएंगे। सही आकलन का ही नतीजा है कि बिहार स्मार्ट प्रीपेड मीटर के साथ आगे बढ़ रहा है।