बेगूसराय, 06 दिसम्बर
केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि पांच वर्षों में दो करोड़ 95 लाख मकानों के अनिवार्य लक्ष्य के मुकाबले विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा लाभार्थियों को दो करोड़ 94 लाख से अधिक मकान पहले ही स्वीकृत किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा है कि दो करोड़ 50 लाख मकानों का निर्माण भी 29 नवम्बर को पूरा कर लिया गया है। यह योजना अपने प्रमुख मील का पत्थर हासिल करने में सक्षम रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में मार्च 2024 तक बुनियादी सुविधाओं के साथ दो करोड़ 95 लाख पक्के मकान बनाने के समग्र लक्ष्य के साथ ‘सभी के लिए आवास’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार तत्पर है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय पात्र ग्रामीण परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए एक अप्रैल 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) लागू किया गया। पिछले पांच वर्षों में वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत पात्र लाभार्थियों को स्वीकृत आवासों का डेटा वेबसाइट पर उपलब्ध है।
पीएमएवाई-जी के तहत केंद्रीय सहायता राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश को एक इकाई मानकर सीधे जारी की जाती है। विभिन्न जिलों, प्रखंडों और ग्राम पंचायतों में लाभार्थियों को यह धनराशि संबंधित राज्य सरकार और केंद्रशासित प्रदेश शासन द्वारा जारी किया जाता है। पिछले पांच वर्षों 2018-19 से 2022-23 तक पीएमएवाई-जी के तहत आवासों के निर्माण के लिए केंद्रीय हिस्सेदारी करीब 160853.38 करोड़ रुपये है।
निधियों का उपयोग राज्य और केंद्रशासित प्रदेश के हिस्से सहित 239334.02 करोड़ रुपये है। तेलंगाना एवं पुडुचेरी प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण को लागू नहीं कर रहे हैं। शेष राज्यों में केन्द्र सरकार द्वारा 2018-19 में 23 लाख 71 हजार 239, 2019-20 में 46 लाख 50 हजार 751, 2020-21 में 48 लाख 80 हजार 31, 2021-22 में 37 लाख 23 हजार 56 एवं 2022-23 में 57 लाख 36 हजार 384 आवास स्वीकृत किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि बिहार में भी बड़े पैमाने पर आवास निर्माण कराया जा रहे हैं। यहां राज्य सरकार के बाधा के बाद भी प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) 2018-19 में चार लाख 25 हजार 602, 2019-20 में दस लाख 43 हजार 808, 2020-21 में छह लाख 25 हजार 245, 2021-22 में आठ लाख 98 हजार 820 एवं 2022-23 में एक लाख 32 हजार 699 आवास स्वीकृत किए गए हैं।