बेगूसराय बरौनी रिफाइनरी के द्वारा सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अवसर पर ऑफिसर क्लब, रिफाइनरी टाउनशिप के सभागार में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया । बरौनी रिफाइनरी के कार्यकारी निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख सत्य प्रकाश, मुख्य महाप्रबंधक(परियोजना), जी. आर. मूर्ति , मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन), डॉ. प्रशान्त राउत, मुख्य महाप्रबंधक (तकनीकी) एस. के. सरकार सतर्कता विभाग के महाप्रबंधक एन. राजेश, जागृति क्लब की अध्यक्ष डॉ. सुष्मिता प्रकाश , जिले के वरिष्ठ कवि अशान्त भोला , लोकगायक डॉ. सच्चिदानंद पाठक, वैज्ञानिक ’जी’ डी जी(एसीई), डीआरडीओ डॉ. हिमांशु शेखर, डॉ.रमा मौसम एवं प्रफुल्ल चन्द्र मिश्र ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर इसका उद्घाटन किया। आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए बरौनी रिफाइनरी के कार्यकारी निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख सत्य प्रकाश ने कहा कि सतर्कता जागरूकता सप्ताह हमें सामूहिक रूप से जागरूक करने का महती प्रयास है । नैतिकता , ईमानदारी , पारदर्शिता और जवाबदेही को अपनाकर ही इसके सारगर्भित उद्देश्य को प्राप्त कर सकते है। आबादी बढ़ी है, इन्सान घटा है” कवि सम्मेलन की शुरुआत जिले के चर्चित गजलकार डॉ. रमा मौसम ने सुरमय तरीके से की उनकी प्रस्तुति – जरा बचपन का वो खोया
वो एहसास दे देना।मुहब्बत के परिन्दो को ,
खुला आकाश दे देना।”
सुनकर श्रोता रोमांचित हो उठे।
पुणे से आए वैज्ञानिक डॉ. हिमांशु शेखर ने हनुमान वंदना से अपनी प्रस्तुति आरम्भ की। फिर उन्होने दीपावली पर अपनी बानगी प्रस्तुत की –
जले है दीप
हर द्वार
रौशन जग हुआ सारा
पर श्रोता देर तक तालियां बजाते रहे। फिर उन्होने छोटी छोटी कुंडलियाँ सुनाकर काफी प्रभावित किया । उनकी कुण्डली “कुकर , कोकर व कुकुर ” पर काफी देर तक ठहाका लगाते रहे । उनकी भ्रष्टाचार पर आधारित कुण्डली
“कुर्सी बनती है व्यापार
मै करता हूँ भ्रष्टाचार “
ने व्यवस्था पर कड़ा प्रहार किया।
जिले के लोकप्रिय कवि प्रफुल्ल चन्द्र मिश्र ने अपनी कविता “चलो चले बचपन मे ” सुनाकर श्रोताओ को भावुक कर दिया। माहौल बदलते हुए उन्होने ” हर घडी , हर पल , खुशियो के बहाने ढूंढते रहे ” सुनाकर श्रोताओ को उत्साहित किया।
लोकगायक डॉ. सच्चिदानंद पाठक ने जब
आश्चर्यजनक ऑकडों से देश पटा है।
आबादी बढी है , इन्सान घटा है।।
का जब सश्वर पाठ किया तो श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे। श्रोताओं की फरमाइश पर उन्होने “आज मेरे यार की शादी है ” सुनाकर तालियाँ बटोरी।
अंत मे , जिले के वरीय कवि अशान्त भोला ने मुक्तक से जोश भर दिया। उनकी मुक्तक किसी को पीना नही आता ,
मरना जीना नही आता।
कोई वतन को खून देता है आपको पसीना नही आता।।
पर काफी देर तालियां बजती रही।
फिर उन्होने अपनी कविता ” ताजा लहू के धब्बे किसे दिखाऊॅ ” सुनाकर श्रोताओ को प्रभावित किया।
इस अवसर पर उपमहाप्रबंधक ( कर्मचारी प्रबंधन सेवाएं ) आशीष आनन्द, मुख्य प्रबंधक, (सी एस आर,ईएमएस) नीरज कुमार , वरिष्ठ प्रबंधक (सीसी,ईएमएस) श्रीमति मिनाक्षी ठाकुर , कोषाध्यक्ष (ऑफिसर एसोसिएशन), प्रगति कुमार , उपाध्यक्ष, कल्याण केंद्र वागीश आनंद समेत काफी संख्या मे गणमान्य उपस्थित थे।
कवि सम्मेलन का संचालन लोकगायक डॉ. सच्चिदानंद पाठक तथा धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ अधिकारी सत्येंद्र कुमार यादव ने किया।