बेगूसराय: लोक आस्था की महापर्व छठ की तैयारी जिले भर में युद्धस्तर पर चल रही है। शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ इस चार दिवसीय महापर्व की शुरुआत होनी है। शनिवार को खरना, रविवार को अस्ताचल गामी (डूबते हुए) सूर्य एवं सोमवार को उदयाचल गामी (उगते हुए) सूर्य को अर्घ्य देकर महापर्व का समापन होगा।
छठ को लेकर जहां बाजार सज गए हैं, वहीं गांव से जुड़े सामग्री की तैयारी तेज हो चुकी है। आधुनिकता के दौर में घर से मिट्टी का चूल्हा और लकड़ी का जलावन गायब हो गया है। करीब तमाम घरों में गैस सिलेंडर आ जाने से उसी पर खाना बन रहा है। लेकिन, छठ के अवसर पर खरना से लेकर डाला के लिए प्रसाद बनाने का काम मिट्टी के चूल्हे पर ही किया जाता है।
इसके लिए हर घर में चूल्हा बनाया जा रहा है। सभी गांवो में महिलाएं चूल्हा बना रही है, जलावन की तैयारी में जुट गई है। घर-घर के अलावा विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर भी महिलाओं की टोली के द्वारा छठ के लिए चूल्हा बनाया जा रहा है। महिलाएं छठ मैया के गीत गाते हुए चूल्हे का निर्माण कर रही हैं। चूल्हा बना छठ व्रत के नियम बहुत ही कठिन होते है।