बेगूसराय, 30 नवम्बर
राज्यसभा सदस्य (सांसद) प्रो. राकेश सिन्हा ने बेगूसराय के देश के सबसे प्रदूषित शहर की सूची में शामिल होने को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने बेगूसराय के एक्यूआई स्तर को कम करने के लिए डीएम से पहल करते हुए सभी निर्माण कंपनियों के साथ बैठक कर कार्य योजना तैयार करने की मांग किया है।
उल्लेखनीय है कि बेगूसराय का एक्यूआई स्तर देश के सभी शहरों से अधिक हो गया है। गुरुवार को भी यहां का एक्यूआई 390 रहा, जबकि दिल्ली सहित अन्य शहर का एक्यूआई इससे नीचे है। लगातार बढ़ रहे प्रदूषण पर काबू पाने के लिए जिला प्रशासन मिशन मोड में काम कर रही है। सड़कों पर पानी का छिड़काव एवं जांच किया जा रहा है। लेकिन प्रदूषण स्तर काम नहीं हो रहा है।
अपने गृह जिला बेगूसराय के प्रवास पर आए प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा है कि बेगूसराय काफी तेजी से विकसित हो रहा है। बड़े-बड़े कंस्ट्रक्शन हो रहे हैं, यह शुभ संकेत है। लेकिन इस शुभ में एक अमंगल छुपा हुआ है। बेगूसराय में प्रदूषण का जो स्तर है, वह लोगों की शारीरिक क्षमता को कम कर रहा है। यही कारण है कि सामान्य बीमारियों में भी अधिक मौत हो रही है।
डेंगू से यहां जितनी मौत हुई है, उतनी मौत बिहार और देश के किसी अन्य जिले में नहीं हुई है। इस मौत का कारण प्रदूषण का खतरनाक स्तर है। इतनी जागरुकता के बाद भी प्रशासन ठोस कदम नहीं उठा रही है, सिर्फ कहने से नहीं होगा। बेगूसराय में बड़ी-बड़ी कंपनियां काम कर रही है। लेकिन उसके सीएसआर का बड़ा हिस्सा लूट में जा रहा है।
उन्होंने कहा कि साजिश के तहत कुछ लोग उन कंपनियों के सीएसआर को लूट रहे हैं। सुबह में छोटे बच्चे चिमनी के धुएं जैसे प्रदूषण में स्कूल जा रहे हैं। लोगों का मॉर्निंग वॉक करना मुश्किल हो गया है, दिनभर काम करने वाले लोग चिमनी के धुएं जैसे प्रदूषण स्तर में काम कर रहे हैं। जिला प्रशासन सभी उद्योग प्रबंधन की मीटिंग बुलाए।
जिसमें इंडियन ऑयल, हर्ल, एनटीपीसी सहित यहां काम करने वाली सभी बड़ी कंपनी और बालू कारोबारी को भी शामिल किया जाए। डीएम गंभीरता पूर्वक कार्य योजना बनाएं। अपने स्तर से कार्रवाई कर एक सप्ताह के अंदर बेगूसराय का एक्यूआई दो सौ से नीचे लाने का प्रयास करें। इस स्वीट प्वाइजन के कारण चर्म रोग, लंग्स की बीमारी, कैंसर और हर्ट की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। इस पर सिर्फ चिंतन नहीं, गंभीरता पूर्वक कार्य करनी होगी।