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बिहार में कांग्रेस को मिला मजबूत साथ, भाजपा के दिग्गज सांसद ने थामा कांग्रेस का हाथ,

दिल्ली. लोकसभा चुनाव में बिहार में 40 सीटों पर जीत का दावा कर रही भाजपा को बड़ा झटका लगा है. मुजफ्फरपुर संसदीय सीट से लगातार दो बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले सांसद अजय निषाद ने मंगलवार को पार्टी छोड़ दी. उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस का दामन थाम लिया. कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में अजय निषाद ने नई पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. अजय निषाद ने भाजपा छोड़ने और कांग्रेस के साथ आने पर बीजेपी को खूब सुनाया उन्होंने कहा कि धनबल और बाहुबल से राजनीति नहीं होती है. भाजपा में यही हो रहा है. भाजपा में अहंकार आ गया है. भाजपा के अहंकार के जवाब चुनाव में जनता देगी. उन्होंने कहा कि दो दिन पहले राहुल गांधी से उनकी मुलाकात हुई. वे कांग्रेस और राहुल की विचारधारा से प्रेरित हैं. निषाद ने कहा कि उनके पिता कैप्टन जय नारायण निषाद ने हमेशा वंचितों के हितों की राजनीति की और राहुल गांधी भी वही कर रहे हैं. हालांकि आय निषाद ने यह साफ नहीं किया कि कांग्रेस ने उन्हें मुजफ्फरपुर से उम्मीदवार बनाने को लेकर क्या डील किया है.दरअसल, अजय निषाद के पिता कैप्टन जय नारायण निषाद ने वर्ष 1996, 1998 एवं 1999 में लगातार तीन बार राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए सांसद बने। 2004 में जदयू उम्मीदवार जार्ज फर्नांडीस को मौका मिला, मगर पांच साल बाद 2009 फिर कैप्टन ने बहुकोणीय संघर्ष में बाजी मारी। वहीं अजय निषाद ने पहली बार वर्ष 2014 में कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह को लगभग दो लाख 23 हजार एवं 2019 में राज भूषण चौधरी को 4.10 लाख वोट से हराया. अब उनकी जगह राज भूषण चौधरी को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। इससे अजय निषाद नाराज थे. इसके पहले अजय निषाद ने सोशल मीडिया पर भाजपा से इस्तीफा देने की घोषणा की. अजय निषाद ने सोशल मीडिया पर ट्विट कर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सुचित करते हुए कहा कि, “बीजेपी के द्वारा छल किये जाने से छुब्ध होकर मैं पार्टी के सभी पद के साथ प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा देता हूँ”। वहीं आज भाजपा से इस्तीफा देने के पहले अजय निषाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह से मुलाकात किए थे।

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