पटना संवाददाता- देश के बहुप्रतीक्षित बिहार सरस मेला का आगाज शुक्रवार की शाम गाँधी मैदान, पटना में हो गया l बिहार सरस मेला देश के लगभग सभी राज्यों की लोक कलाकृतियों की विविधिता ग्रामीण शिल्प, लोक कला, संस्कृति, परंपरा एवं व्यंजन का एक ऐसा स्थल बन गया है जिसका इंतेज़ार क्रेता और विक्रेता दोनों को रहता है l बिहार सरस मेला ग्रामीण विकास विभाग, बिहार के तत्वाधान में बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति, जीविका द्वारा 15 दिसंबर से 29 दिसंबर 2023 तक आयोजित है l
बिहार सरस मेला का उद्घाटन श्रवण कुमार, माननीय मंत्री- ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया l उद्घाटन से पूर्व आगत अतिथियों का मुख्य सांस्कृतिक मंच पर स्वागत पुष्प गुच्छ देकर किया गया l तत्पश्चात डा. एन.सरवण कुमार , सचिब – ग्रामीण विकास विभाग, बिहार ने आगत अतिथिओं का स्वागत करते हुए कहा कि ग्रामीण शिल्प के लिए सरस मेला एक ऐसा मंच है जो स्वदेशी उत्पादों एवं इससे जुड़े लोगों को बाज़ार उपलब्ध कराने के साथ प्रोत्साहन भी देता है l इससे पूर्व माननीय मंत्री जी का स्वागत मुख्य द्वार पर जीविका दीदियों ने किया l तत्पश्चात माननीय मंत्री- ग्रामीण विकास विभाग एवं आगत अतिथियों ने शिल्पकारों एवं स्वरोजगारियों की हौसलाअफजाई की और हुनर एवं उत्पादों की तारीफ की l
राजेश कुमार – विशेष कार्य पदाधिकारी, जीविका ने सरस मेला के आयोजन के उद्देश्यों और उपलब्धियों के बारे में बताया l अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सरस मेला का आयोजन देश के स्वयं सहायता समूहों से जुडी महिलाओं , स्वरोजगारियों ,एवं अन्य शिल्पकारों द्वारा निर्मित उत्पाद हस्त शिल्प एवं लोक कलाकृतियों के प्रदर्शन और बिक्री के लिए किया जाता है l लिहाजा ग्रामीण शिल्प और उत्पादों को बेचने के लिए सरस मेला एक बड़ा बाज़ार है l यहाँ आकर बिहार के स्वयं सहायता समूह से जुडी महिलाओं के अलावा देश के अन्य राज्यों की महिलायें लाभान्वित हो रही है l
शिव ओम दीक्षित, मुख्य महाप्रबंधक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने संबोधन में कहा कि बैंक हर संभव जीविका दीदियों को ऋण उपलब्ध कराकर स्वरोजगार करने में मदद कर रही है । खालिद अनवर, एमएलसी ने कहा कि जीविका देश की सबसे बड़ी संस्था है जहां बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं जुड़ी हैं। रत्नेश सदा, माननीय मंत्री, अनुसूचित जाति जन जाति कल्याण मंत्री ने कहा कि जीविका के माध्यम से ग्रामीणों को सूदखोरों से मुक्ति मिली है। राज्य सरकार भी जीविका दीदियों के हस्तशिल्प को प्रोत्साहन दे रही है। श्रवण कुमार, माननीय मंत्री ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार ने कहा कि विलुप्त हो रही कलाओं और रोजगारपरक विधाओं को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक पहल है सरस मेला का आयोजन । बदलते और विकसित बिहार की तस्वीर इस मेला में प्रदर्शित है। बिहार के माननीय मंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास बिभाग सरस मेला के माध्यम से गाँव की छोटी-छोटी उधमियों की हौसला- अफजाई करती है । उन्होंने कहा कि एक लाख चौरासी हजार हासिए पर खड़े ग्रामीण गरीब परिवार को सतत जीविकोपार्जन योजना से जोड़कर स्वावलंबी बनाया गया है। माननीय मंत्री जी ने बैंक प्रबंधन से ग्रामीण महिलाएं और जीविका दीदियों को ज्यादा से ज्यादा सहयोग करने की अपील की । शुभारंभ कार्यक्रम के अंत में आगत अतिथियों को स्मृति- चिन्ह जीविका के अधिकारियों ने प्रदान किया ।
धन्यवाद ज्ञापन राम निरंजन सिंह, निदेशक , जीविका ने किया l राम निरंजन सिंह ने आगत अतिथियों और देश के 22 राज्यों से आई स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि लोगों की मांग एवं आकर्षण के कारण ही अब सरस मेला राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित है एवं प्रतिवर्ष इसका आयोजन दो बार किया जा रहा है l उन्होंने आगत अतिथियों दर्शकों एवं मीडिया कर्मियों को आगमन एवं हौसला अफजाई के लिए धन्यवाद दिया । मंच संचालन श्रीमती सोनी सिंह ने किया l शुभारंभ कार्यक्रम में मंच पर श्रीमती महुआ रॉय चौधरी, कार्यक्रम समन्वयक, जीविका, श्री समीर कुमार, राज्य परियोजना प्रबंधक, जीविका और श्री पवन प्रियदर्शी, परियोजना प्रबंधक, जीविका समेत जीविका के अधिकारी एवम कर्मी मौजूद रहे ।
सरस मेला में बिहार समेत कुल 22 राज्यों के स्वयं सहायता समूह से जुडी महिला उद्यमी, स्वरोजगारी एवं शिल्पकार अपने -अपने प्रदेश के शिल्प, परंपरा, लोककला एवं व्यंजनों को 500 से अधिक स्टॉल पर अपने गांव -प्रदेश के अंदाज में प्रस्तुत करेंगी । बिहार के सभी 38 जिलों से कुल 191 स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी जीविका दीदियाँ सूक्ष्म उद्यमी के तौर पर उपस्थित होंगी । जीविका दीदियों द्वारा संचालित शिल्पग्राम एवं मधुग्राम के स्टॉल पर उत्पादों की प्रदर्शनी एवं बिक्री होगी l
इसके साथ ही प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम, सेमिनार, परिचर्चा, सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन हेतु जन-जागरूकता कार्यक्रम एवं नुक्कड़ नाटक सरस मेला परिसर में आयोजित हैं । व्यंजन परिसर में जीविका दीदी की रसोई के साथ ही व्यंजनों के विभिन्न स्टॉल पर शुद्ध, देशी एवं पौष्टिक व्यंजन उपलब्ध हैं l इसके साथ ही विभिन्न योजनाओं के प्रति आगंतुकों को जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न विभागों एवं बैंकों के स्टॉल भी सुशोभित हैं । बच्चों के लिए फन जोन एवं पालना घर सजाये गए हैं l आगंतुकों के लिए सरस मेला परिसर में कैशलेश खरीददारी की भी व्यवस्था की गई है l साथ ही जीविका दीदियों द्वारा संचालित ग्राहक सेवा केंद्र के माध्यम से आगंतुकों एवं स्टॉल धारकों के लिए ग्राहक सेवा केंद्र की भी उपलब्धता है l
बिहार सरकार की विभिन्न योजनाओं के साथ ही सतत जीविकोपार्जन योजना के बिहार में सफल क्रियान्वयन की झलक दिखेगी । साथ ही नशा मुक्त बिहार एवं अत्यंत गरीब परिवारों के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान की बानगी भी सतत जीविकोपार्जन योजना के स्टॉल पर प्रदर्शित हो रही है ।
सबसे खास बात यह है कि सरस मेला में प्रवेश नि :शुल्क है । और पूरे परिवार के साथ खरीददारी करने और शुद्ध , पौष्टिक एवम स्वादिष्ट व्यंजनों के लुत्फ उठाने का बेहतर अवसर और स्थल है बिहार सरस मेला । मेला का समय सुबह 10 बजे से सायं 8 बजे तक निर्धारित है । प्रवेश नि:शुल्क है l