बेगूसराय:राजधानी पटना में मैथिल भाषा-भाषियों की प्रतिनिधि संस्था चेतना समिति के तत्वावधान में तीन दिवसीय विद्यापति स्मृति पर्व समारोह का आयोजन 25 से 27 नवंबर 2023 के दौरान किया गया। समिति के सचिव उमेश मिश्र ने प्रारंभ में आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए समिति की गतिविधियों के सम्पादन में समाज के सभी वर्गों के लोंगों के सहयोग अपेक्षा की तथा अपने दैनिक जीवन में भी पारंपरिक संस्कार गीत को अपनाने की अपील की, जिससे मिथिला के गौरवमय अतीत की प्रचार कर सकें। समिति की अध्यक्ष निशा मदन झा ने सरकार से मिथिलांचल में मैथिली के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा देने की व्यवस्था करने तथा मैथिली को बिहार की राजभाषा बनाने की माँगा की। समारोह के मुख्य अतिथि बिहार के विकास आयुक्त विवेक सिंह ने मैथिली को मिथिलांचल के सभी जाति-धर्म, वर्ग के लोगों की भाषा बताया तथा हर किसी को इस भाषा का अधिकाधिक उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने लोगों से मिथिला की समृद्ध कला संस्कृति और सभ्यता को संजोने की अपील की। इस संदर्भ में उन्होंने मिथिला के गीत परम्परा की चर्चा की। इस अवसर पर बिहार के महानिरीक्षक (कारा सुधार) श्री शीर्षत कपिल अशोक ने मैथिली भाषा की मिठास उसकी स्मृद्धि का वर्णन किया तथा विद्यापति की रचनाओं को कालजयी बताते हुए उन्हे युग पुरुष की संज्ञा दी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री आर के झा, कार्यपालक निदेशक एवं रिफ़ाइनरी प्रमुख ने अपने सम्बोधन में एकीकरण और देशभक्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सभी वर्ग, धर्म, जाति के लोगों को एक सूत्र में पिरोकर ही राज्य, देश का विकास संभव है। इस अवसर पर आर के झा को बिहार राज्य के विकास में उनकी महत्वपूर्ण योगदान के लिए विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 18 नवंबर 1963 को जन्में आर के झा बरौनी रिफाइनरी टाउनशिप में पले-बढ़े। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बरौनी से, हायर सेकेंडरी साइंस कॉलेज, पटना से और बी.टेक बीआईटी, सिंदरी से केमिकल इंजीनियरिंग में पूरी की। श्री झा के पास एनर्जी मैनेजर के लिए राष्ट्रीय प्रमाणन है और उन्होंने यू 21 ग्लोबल ग्रेजुएट स्कूल, सिंगापुर से बिजनेस लीडरशिप पर ऑनलाइन हाइब्रिड सर्टिफिकेट प्रोग्राम पूरा किया है। वह EnMs (ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली) ISO 500001:2011 के लिए लीड ऑडिटर भी हैं। तेल और गैस उद्योग में 35 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ, उन्होंने मुख्यधारा के संचालन, तकनीकी सेवाओं और ऊर्जा संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह वर्ष 1989 में एक प्रबंधन प्रशिक्षु के रूप में बोंगाईगांव रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड में शामिल हुए, जिसका वर्ष 2009 में इंडियनऑयल में विलय हो गया। श्री झा ने इंडियनऑयल की बोंगाईगांव और बरौनी रिफाइनरियों के लिए महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह ऊर्जा प्रबंधन और पर्यावरण चेतना के चैंपियन रहे हैं। उनका दृढ़ विश्वास है कि, किसी संगठन का मूल्य उसके लोगों को सुरक्षित और आकर्षक कार्य व्यवस्था प्रदान करने तथा पर्यावरण देखभाल शामिल है जिससे धरती माता और उसकी जैव विविधता का पोषण और संरक्षण हो सके। उन्होंने वर्ष 2022-23 में 6.78 एमएमटीपीए का उच्चतम क्रूड थ्रूपुट हासिल करके (ऑपरेशन के 58 वर्षों में उच्चतम) बरौनी रिफाइनरी के शानदार प्रदर्शन का समर्थन किया। उन्होंने रिफाइनरी को अब तक के सबसे कम ईंधन और हानि, एमबीएन और ऊर्जा दक्षता सूचकांक (ईआईआई) हासिल करने के लिए प्रेरित किया, जो रिफाइनरी की ऊर्जा दक्षता को दर्शाता है। उन्होंने रिफाइनरी को MoPNG द्वारा 9 एमएमटीपीए से कम रिफाइनरी क्षमता की श्रेणी में प्रतिष्ठित “सर्वश्रेष्ठ रिफाइनरी प्रदर्शन सुधार पुरस्कार 2023” जीतने का नेतृत्व किया। उनके कार्यकाल में बरौनी रिफाइनरी को वर्ष 2022 & 2023 के लिए तीन पीआरएसआई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। बेगूसराय और बिहार के आस-पास के जिलों के निवासियों के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधाएं बनाने की दृष्टि से, उन्होंने सदर अस्पताल – बेगूसराय (बिहार में अपनी तरह का पहला) में 50 बिस्तरों वाले बाल चिकित्सा वार्ड की स्थापना के लिए टीम का नेतृत्व किया। सदर अस्पताल, बेगूसराय में उन्नत जीवन समर्थन प्रणाली के साथ तीन एम्बुलेंस का अनुदान दिया गया। प्रति दिन 1500 सिलेंडर भरने की क्षमता के साथ सीईआर के तहत बरौनी रिफाइनरी में पीएसए आधारित ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना, सीएसआर के तहत बेगूसराय के 427 विकलांग निवासियों को सहायता उपकरण का अनुदान किया गया।, साथ ही रिफाइनरी के निकट स्थित गांवों और बेगूसराय जिले के गरीब परिवार के विद्यार्थियों को अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु शुरू की गयी दो छात्रवृत्ति योजनाओं – श्री कृष्ण सिंह छात्रवृत्ति योजना एवं दिनकर उच्च शिक्षा सहायता योजना के तहत 01 लाख रुपये से कम पारिवारिक आय वाले 93 मेधावी बच्चों को छात्रवृत्ति का अनुदान प्रदान करना को साझा किया। गोविंदपुर स्कूल में चार कक्षाओं का निर्माण, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हेतु 25 एसी का योगदान, राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर के निवास पर आदमक़द प्रतिमा की स्थापना, टाउनशिप में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति की स्थापना इत्यादि शामिल है। सीईआर के अंतर्गत कुछ अन्य विकास कार्य किया जैसे, ” उन्होंने पर्यावरण प्रबंधन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में एनएच-31 (अमृत वाटिका) पर कपसिया से हर-हर महादेव चौक और जुबिली पेट्रोल पम्प तक ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण, बरौनी रिफाइनरी के कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व के अंतर्गत शुरू की गयी “100 से अधिक सरकारी स्कूलों में 10000 (दस हजार) दोहरी डेस्क बेंच वितरण करवाया, बरौनी जीरो माईल चौराहा स्थित राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की प्रतिमा पर नवनिर्मित शेड का लोकार्पण, सिमरिया बिन्द टोली में लगी आग से पीड़ित परिवारों के बीच किया राहत-सामग्री का वितरण, बेगूसराय नगर निगम को बोतल क्रशर मशीन प्रदान किया,
