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नौ दिवसीय प्रतिष्ठात्मक शतचंडी महायज्ञ की तैयारी जोरों पर

दरौली/सिवान :    प्रखंडक्षेत्र के दराैली पंचायत के दुब्बा गांव स्थित श्री नर्वदेश्वर शिव मंदिर परिसर में 14 फरवरी से शुरू हो रहे नौ दिवसीय प्रतिष्ठात्मक शतचंडी महायज्ञ की तैयारी जोरों पर है। वही आयोजन समिति के सदस्य महायज्ञ की तैयारी का कार्य को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। यज्ञ स्थल के चारों तरफ झंडा एवं पताकों से सजावट की गई है। इस महायज्ञ को लेकर दुब्बा मलपुरवा गांव सहित आसपास के सभी गांव के लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। सभी श्रद्धालु तन-मन-धन से इस महायज को सफल बनाने में लगे हुए हैं। महायज्ञ आयोजन समिति के अध्यक्ष पप्पु पाण्डेय के द्वारा बताया गया कि गांव के लोगों में इस यज्ञ के सफल आयोजन के लिए काफी उत्साह देखा जा रहा है। 14 फरवरी को कलश शोभायात्रा के साथ यह महायज्ञ की शुरुआत होगी।प्रतिदिन संगीतमय कथा, रामलीला एवं रासलीला  का मंचन किया जाएगा।  वही नौ दिन तक विशाल भंड़ारा की व्यवस्था भी किया गया है । सबसे आकर्षण का केंद्र स्थानीय निवासी विद्यासागर पंड़ित और इनके सहयोगीयों के द्वारा 15 फीट का अरगब्ती बनाया गया है जो यज्ञ के प्रारम्भ से पूर्णाहुती तक जलते रहेगा ।  समिति सदस्य सह शिक्षक संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि विगत वर्षों पूर्व सरयू नदी के किनारे से प्राप्त 11 किलोग्राम की मां दुर्गा की चांदी की प्रतिमा प्राप्त हुई थी । उसी माँ दुर्गा की प्राण प्रतिष्ठा सह प्रतिष्ठात्मक सत् चण्डी महायज्ञ का भव्य आयोजन संत श्री श्री १०८ श्री महेश्वर दास जी महाराज के सानिध्य में श्री नर्वदेश्वर शिव मंदिर दुब्बा में किया जाना है । जो नौ दिवसीय महायज्ञ 14 फरवरी से प्रारंभ होकर 22 फरवरी तक निम्न कार्यक्रमों के अनुसार जैसे – जल यात्रा, पंचांग पूजन, पूजन हवन पूर्णाहुति एवं महाभंडारा प्रतिदिन के साथ संपन्न होगा।  उन्होने यह भी बताया कि सरजू नदी के पावन तट पर दुर्वासा ऋषि की तपोभूमि में बसे दुब्बा में जगत जननी मां दुर्गा की प्राण प्रतिष्ठा हो रहा है। सरजू नदी का पावन तट एवं शिव मंदिर का संगम में बसे दुब्बा नगरी के लोग धन्य है। क्योंकि धर्मशास्त्रों में कहा गया है कल्प कोटि काशी बसे मथुरा बसे हजार एक पल सरयू बसे तूले न तुलसीदास। तो ऐसे पौराणिक एवं धार्मिक स्थल पर महायज्ञ का आयोजन से समस्त ग्रामीण आह्लादित है।
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