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नीतीश कुमार का भगीरथी प्रयास सफल, जिस नवादा में थी पानी की किल्लत वहां अब होने लगी गंगा जल की आपूर्ति, लोगों में उत्साह

पटना. गंगा उद्भव योजना के तहत बिहार के जल संकट से जूझते जिलों में गंगा जल आपूर्ति करने की योजना का एक और चरण सफल हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भगीरथी प्रयास अब नवादा में भी साकार हो गया हा. सीएम नीतीश ने शुक्रवार को नवादा में गंगा जल आपूर्ति योजना का लोकार्पण किया. कभी पानी के संकट से जूझने वाले नवादा में अब लोगों के घरों तक गंगा जल की आपूर्ति शुरू हो गई है. लोकार्पण के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को नवादा जिले के पौरा गांव पहुंचे। उन्होंने गांव स्थित नवर्निमित शोधित जलसंयंत्र परिसर में गंगा जल आपूर्ति योजना का लोकार्पण किया। इसके साथ ही नवादा नगर को एक बड़ी सौगात प्रदान की। नगर के 17 वार्डों के 13 हजार 965 घरों में प्रतिदिन गंगा जल की आपूर्ति घरेलू कार्यों के लिए कर दी गई है। मौके पर जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा और उद्योग मंत्री सह जिला प्रभारी मंत्री समीर कुमार महासेठ उपस्थित रहे।  बता दें कि मोकामा के हाथीदह से पाइप लाइन के जरिए राजगीर के समीप पहले गंगा जल को लाया गया है. यहां से नवादा जिले के नारदीगंज प्रखंड मोतनाजे गांव स्थित डिटेंशन कैंप तक गंगा जल लाया गया। इसके बाद 20 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए नवादा के पौरा गांव स्थित शोधित जल संयंत्र तक गंगा का पानी लाया गया। पौरा गांव से करीब 13 किलोमीटर दूरी तय करते हुए नवादा नगर में लोगों के घरों तक गंगा का पानी पहुंचाया जाएगा। इसके पहले राजगीर, गया व बोधगया में लोगों के घरों तक गंगा का पानी पहुंचाया जा रहा है। इस साल पितृपक्ष मेला व राजगीर मलमास मेला भी लोगों को पेयजल के रूप में गंगा जल उपलब्ध कराया गया। मौके पर डीएम आषुतोष कुमार वर्मा, एसपी अंबरीष राहुल, विधायक विभा देवी, नीतू देवी, प्रकाशवीर, अशोक यादव, पूर्व विधायक कौशल यादव, पूर्व एमएलसी सह जदयू जिलाध्यक्ष सलमान रागीब, राजद जिलाध्यक्ष उदय यादव, कांग्रेस सतीश कुमार मंटन आदि उपस्थित रहे।  पौरा गांव पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल संसाधन विभाग के कई अधिकारियों को प्रषस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। योजना को धरातल पर उतारने में अपना योगदान देने वाले जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद समेत दर्जन भर अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। सीएम अपने ड्रीम प्रोजेक्ट से काफी खुश  नजर आए। मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। फलस्वरूप आमजन आयोजन से पूरी तरह दूर रहे। केवल पास दिखाने वाले लोगों को परिसर के भीतर जाने की अनुमति थी। गांव में आयोजन होने के बाद पौरा के ग्रामीण पूरी तरह अलग-थलग नजर आए। हालांकि सीएम के वापस जाते ही ग्रामीणों की भीड परिसर के अंदर घुस गई।

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